हे गाइस मेरा नाम शिवानी पटवाल है और यह मेरा छठवां सेल है जिसमें मैं आप सबको अपनी लिखी हुई शायरी सुनाना चाहती हूँ जो कुछ इस तरह है इस शायरी का टाइटल है तू और मैं और हमारी मुलाकात तो शायरी कुछ इस तरह है सालों हो गए मुलाकातों को न जाने मुलाकात कब होगी सालों हो गए मुलाकातों को न जाने मुलाकातें कब होंगी आज फिर दिल बेकरार है मुलाकात के लिए आज फिर दिल बेकरार है मुलाकात के लिए बहुत सुंदर मुलाकातें न जाने पुराने पल की यादें बहुत सुंदर मुलाकातें न जाने पुराने पल की यादें नई मुलाकातों में फिर पुरानी मुलाकातों की बातें नई मुलाकातों में फिर पुरानी मुलाकातों की बातें है थैंक यू गाइज।