Janab wo ishq nahi, dost hai mera❤️
1 नई विश्वास की डोर जुड़ गई। यूं तो अंजान हूं उसके ख्यालों से। अनजान उसकी हकीकत से। बस। उसकी बातों पर भरोसा है। शायद ये दोस्ती का रिश्ता ही कुछ ऐसा है। वो। मेरी, हर नदानी को समझता है। हर बचपने को। झेलता है। मेरी। पागलों वाली बातें भी। खुशी से सुन लेता है। जिंदगी की बड़ी सी। परेशानी। की भी। प्यारी सी। सलाह देता है। अपनी खूबियों को। पहचानो। मुझसे। हमेशा। कहता है। हमेशा चेहरे। पर। मुस्कराहट ला देता है। मिले? नहीं कभी। फिर भी। अपना सा लगता है।
Jagreeti sharma
@voicequeen · 2:34
ह**ो? सिलानी जी आपने बहुत अच्छी कविता लिखी है। दोस्ती पर आपने सच है। दोस्ती। दोस्ती ही 1 ऐसा रिश्ता है जिसमें कोई स्वार्थ नहीं होता। nis्वाटहोतीहै दोस्ती सबसे खास होती है दोस्ती। और कहते हैं न? सच्चा? दोस्त वही होता है जो आपको हमेशा आगे बढ़ाए। और आपका परिचय आपकी खूबियों से कराए। वो आपके साथ हंसेगा भी। आपके साथ आपको हंसाएगा भी। लेकिन जब आप आप मुश्किल में होंगे, परेशानी में होंगे तो वो आपकी मदद भी करेगा। आपको अकेला नहीं। छोड़ेगा।
सो? ह**ो नमस्कार सबको आशा करती की आप सब ठीक और खुशहाल होंगे। तो आपने सुनी आज बहुत अच्छा जो है टॉपिक पर। लिखा है जनाब वो इश्क ही दोस्त है मेरा तो जैसे कि आपने कहा आजकल के ज़माने में टेक्नोलॉजी का जमाना है? तो सब जो है ऑनलाइन चीजें होंगी है? चाहे? शॉपिंग की बात करें चाहे कुछ और चीज की बात करे। तो हर 1 चीज जो है वो ऑनलाइन ही होती है। तो दोस्त भी जो है वो आज कल ऑनलाइन जो है बनते हैं? और हमारी बात भी होती है। तो आपने बिल्कुल से ही जो है टाइटल दिया कि जनाब वो इश्क नहीं?