Ho sake to ruk jana
ह**ो? गाइस आयम? शिवानी। आज जो पोल्ट्री आपको सुनाने जा रही हूँ, उसका शीर्षक। हो सके तो रुक जाना। हो सके तो रुक जाना। हर कदम साथ, चलना? मेरे कहीं न? थक जाना। मेरा मकसद? नहीं। तुमको पाना। मैं तो चाहती हूँ तुम्हारी खुशी में हर दम खुश हो जाना। पर हो सके तो रुक जाना। मेरे साथ। रहना। कहीं? न? मुझे? अकेला छोड़ जाना। मेरे पास? तो है खुशी का यही 1 छोटा सा। बहाना तुम्हें देखकर भी यूं खुशी से भर जाना। यही तो है।
ROHIT RAJ
@Rohit_raj_0001 · 1:18
helo sivani rohit बहुत ही बेटिफुलस्टोलि अच्छे च्छा है। rit? बहुत ही तरीके से लिखा है आपने। और ये जो अपनी लिखा हो सके तो मुझे ऐसा लग रहा है जो अपने प्रेमी से कह रही है की मेरे पास हो सके तो रुक जाओ तुम्हारे होने से मुझे खुशी मिलती है या तुम नहीं होते तो मैं दुखी हो जाती हूं तो ये ये 1 ऐसी फील*** है जो मुझे आ रही है आपके करता। जाहिर सी बात है औरों को भी आएगी अगर वो लव में थोड़ा सा भी लव में बिलीव करते है तो तो यह बहुत ही बहुत ही बेहतरीन है और बहुत ही शानदार ने अपने एक्सप्रेस किया अपने फिल्म को तो इतनी ब्यूटीफुल। प्राइम लिखने के लिए। आपको बहुत बहुत बधाई। और पर ऐसी रचनाओं को पोस्ट करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
Sujit Lalwani
@sujitlalwani · 0:12
सुना गए। तुम इतनी सुंदर कविता? हो सके? तो रोज सुनाने। आना हम भी यहाँ पर कुछ शब्द जुड़ जाएंगे सुनने के लिए। हो सके तो रुक जाना।