वो। हमें सिखाते थे। मुश्किलों से। कभी न डरना। वो। हमें बताते थे। कभी कभी। सर। गुस्सा होकर। हमें कुछ टास्क भी ले जाते थे। और हम उन्हें पूरा करके खुशियां भी मनाते थे। सर? इतने अच्छे से। हमें पढ़ाते थे कि बायो तो हम आसानी से कर जाते थे। कभी आंसर न कर पाने। पर। मुझे भी होता था अफसोस। पर। यही तो होता था मेरे अंदर पढ़ने का। जोश।
Aishani Chatterjee
@Aishani · 0:35
हाई शिवानी आई थिंक दिस इस सच ब्यूटिफुल ओ टीचर आपने बहुत खूबसूरती के साथ अपने गुरु के बारे में लिखा है और बहुत बहुत अच्छा लगा यह कविता सुन के आपके मन में उनके लिए जितना भी रिस्पेक्ट है, जितना भी डोरशन है वो वो बहुत ज सर बहुत खूबसूरती के साथ आपने स्पेल आउट किया है इस कविता में सो यह aबसोलूटली लव लिसनिंग तो एट थैंक यू।