कोई सौ से झूठ बेईमानी करके, धन कतर करके, अपना महल बना रहा है? कोई किसी की झूठी प्रशंसा कर रहा है। होना कुछ नहीं है। कोई दुखी बनकर बैठा है। बस इसलिए के 4 लोग उसके पास आकर। बैठे। और बेचारा? बोले? सारी। जिंदगी यूं ही चली जाएगी? कुछ नहीं होने वाला। यहाँ आपके जीवन में। जो भी हो बस उसे सह स्वीकार करो। और 1 बार अपने अन्दर तो झाँको। अरे तुम कौन हो? क्या तुम यहाँ बस? लोगों की चाकरी सेवा करवाने? अरे ब्रह्म हो। तुम भगवान बन कर। सोचो। रात के 3 बजे भी तुम्हे दिल से बुलाए।
भगवान? इतना अपने आप को? खींच के? रखना? अगर? खुशी ही नहीं है। लाइफ में। अगर आप अपने आप से परिचित नहीं हैं? अगर आप जानते ही नहीं है कि आप कौन हैं? क्या करना चाहते हैं? तो अपनी जान बनाना तो बहुत जरूरी है ही? लेकिन उससे भी ज्यादा थोड़ा जरूरी रहता है। अपने लिए। समय निकालना। ताकि जिंदगी की भाग। दौड़ में। आप भागते ही न रह जा।