आचल? बोली? जब भी रात को खिड़की से देखो? तुम्हारे? और नीचे। तुम्हारे? रूम की लाइट जलती रहती है? शिवम ने? बड़ी? अजीब? अंदाज से? बोला? अच्छा? आँचल सहम गई। और चुप हो गई? तभी? सिवम? बोला? आँचल? आजकल रजत भाई? तुम्हारे बारे में? पूछ रहे थे? आँचल? तुरंत? बोली? कौन? रजत? सिवम? बोला? वही? जो नीचे रहते हैं। अचानक ही आंचल के शरीर में। रिएक्शन से होने लगे। उसकी। बस।
हेलो शिवादुबेजी। आपका जो कहानी है मुझे बहुत अच्छी लगी लेकिन मैंने आपके पार्ट वन भी सुनी थी और पार्ट वन को भी रिप्लाई की थी तो अभी पार्ट टू भी बहुत अच्छा लगा। और आपके जो स्टोरीज है उससे आप कई सारे आप सबको कई बात दिखा रहे हैं। कई बातों का एहसास करवा रही है। और आप जिस तरीके से इस कहानी का कहानी को हमारे के सामने पेश कर रहे हैं वो मुझे बहुत अच्छा लग रही है। और आप ऐसे ही अच्छे अच्छे कहानी हमें सुनाते रहिये और हम सभी हम अपनी जो ओपिनियंस है आपके साथ शेयर करते रहेंगे धन्यवाद।