कि इसे खोलना? तभी है? जब इसकी तुम्हें बहुत ज्यादा आवश्यकता महसूस हो। अगर वे वजय खोल दिया। हर वक्त खोल दिया? तो? यह काम न आएगा। ये शर्त अपनी याद रखना। इसको तब ही खोलोगे जब हर तरफ से असहाय हो जाओ। क्योंकि यह बहुत सूत्र काम का है। और साधारण खोला। तो यह अर्थहीन हो जाएगा। बड़ी? प्रखर? वेदना? की स्थिति में। इसे खोलना। तभी इसका मूल्य समझ में? आएगा? दुख? और गहरे? दुख में। जब वो।
थैंक यू सो? मच शिवा दुबे जी? for this? वनडफलसवel? सो? whaेवर? यू हave? said? वज अब्जोलूटली राइट आपने जो भी कहा था वो बिल्कुल ठीक कहा था? सो हम जिंदगी की लड़ाई में इतने इनवॉल्व हो गए है कि हमें सब कुछ छोटा दिखने लगा। और हम सब कुछ छोड़ के सिर्फ अपने पर फोकस करने लगे। और जिंदगी का जो सूत्र है उसे तो हम भूल ही रहे। और जब मैं आपकी कविता सुनी मुझे कई सारे चीज याद आई है। और आपकी जो कविता है वो बिल्कुल बहुत बहुत सुंदर है। तो थैंक्यू सो मच फॉर शेयरिंग?