@SHIVAdubey_2787
Shiva Dubey
@SHIVAdubey_2787 · 3:02

Arsh se farsh tak

ट्रक में। घर का सारा सामान रखा जा चुका था। और मम्मी? पापा? भाई? और दीदी भी। गाड़ी में बैठ गए थे। रजत भी अब पुरानी घर से यादें बटोर कर नए बंगले में जाने के लिए तैयार था। पिताजी का सरकारी आवास घर से काफी दूर था। हम सब वहीं रहने जा रहे थे। वहां पहुंचते हुए रात हो गई थी। सेवादारों ने सामान घर पर उतार कर रख दिया था। परन्तु अभी कुछ व्यवस्थित नहीं था। रजत का नई नई जगह। मन नहीं लग रहा था।
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