@SHIVAdubey_2787
Shiva Dubey
@SHIVAdubey_2787 · 3:19

भिन्न भिन्न स्थितियां

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निराशा आशा में मिल जाती है। निराशा आशा में मिल जाती है। उजाला शेष रह जाता है। बस यही 1 सत्य बताता है। जब आत्म साक्षात्कार हो जाता है। बस यही 1 सत्य बताता है। जब आत्म साक्षात्कार हो जाता है। आत्मा 1 रूप हो जाती है। जब प्रभु मिलन हो जाता है। आत्मा 1 रूप हो जाती है। जब प्रभु मिलन हो जाता है। पालन तारन हाल। बस? 1 विधाता है। भिन्न स्थितियां सब मिट जाती है। भिन्न स्थितियां सब मिट जाती है। शेष प्रकाश पुंज रह जाता है। जो उसकी शरण में जाता है। वो भवसेमुक्त हो जाता है।

जब समरसता जाती है

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