वो अपने आप को भूल जाता। यह घर में सिर्फ। 1 व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए। अपने अपने हिस्से की थोड़ी? थोड़ी जिम्मेदारी। सबको उठानी चाहिए। 1 इनसान है। वो। थक जाता है। देखने में। वह व्यक्ति बहुत बड़े हृदय का लगता है। लगता है कि यह सब कुछ कर लेगा? लेकिन वो कैसे करता है? किस किस तरीके से करता है? उसे? कितनी बार रातों में नींद नहीं आती? उसे? किन? किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है? यह बात सिर्फ वो भी समझता है। सिर्फ? वह ही जानता है।
Sreeja V
@Wordsmith · 0:47
बहुत अच्छा लगा। आपकी। कविता सुन के। और। सही बात है। घर में सबको हाथ बटाना चाहिए। और हम औरतों को भी। अपने बच्चों को ये बात सिखानी चाहिए। बचपन से कि सभी चीजों में उनका 1 इनवॉलमेंट रहना जरूरी है? यह नहीं कि सिर्फ पढाई करो? और खेलो। कूदो? है न? लेकिन हाथ? घर में कम उम्र से ही उनको ये सीख देनी चाहिए कि अपना काम खुद करो। अगर ऐसा हो तो किसी 1 इंसान पे सारा बोझ? शायद नहीं आए।
Kunal Jain
@sonofindia · 1:33
तो वहां तो सभी काम खुद करना पड़ता है लेकिन हां वहां यह रहता है कि वहाँ हर इंसान अपना खुद का काम खुद खुद करता है। तो वहाँ थोड़ी आसानी आपको उस तरीके से मिल जाती है। लेकिन काम से तो मुक्ति मिलेगी काम से। मुक्ति तो 1 ही उसमें मिल सकती है कि आप आपके पास में इतने रिसोर्सेज हो उतने रिसोर्सेज हो की आप जो है मेड या सर्वेंट्स को अपलोड कर सकते हैं। और उनसे काम कराए। लेकिन आपकी पूरी रचना में आपके भाव हैं वो बहुत अच्छे से प्रेरित हुए हैं।