यह सब। तुम्हें जगाने के लिए हुआ है। जीवन में। कब तक? सब कुछ? मांगते? रहोगे? जब हम छोटे थे? तो माता पिता पर निर्भर रह कर सुख पाना चाहते थे। और वही उम्मीद। हम 1 अन्य पुरुष से लगा बैठे हैं। हमारे पास। हमेशा से बहुत कुछ है। परन्तु हम सिर्फ मांगना जानते हैं। इस अवस्था में पहुँचने पर, हमे वह देवी याद आती है? जो हमें धरती से पैदा होकर 1 पाठ पढ़ाने आई थी। शायद हम अज्ञानी ही न समझ पाए। कौन?
Prabha Iyer
@PSPV · 1:55
नमस्ते। मैम। मैं प्रभाव बोल रही हूँ। आपका ये जो स्वेल मैंने, अभी सुना। मुझे। बहुत अच्छा लगा। आपने सही कहा। जीवन की यात्रा में हम सिर्फ मांगना जानते हैं। पर देना उतना ही जरूरी है जितना हम मांगते हैं। आप जो उदाहरण दिए सीता मां की वो हमेशा आप ही रही। 1 दम किसी भी स्थिति में अपने आप को वो कम भी नहीं दिखाई और ज्यादा भी नहीं दिखाई। उनकी कहानी सुनते वक्त हमें 1 जोश मिलती है। और हमें 1 आत्मनिर्भर होने पर 1 अच्छा सबक हमें मिलती है।