ह**ो? स्वेल? कैसे हैं? सब? चलिए? आज आपके साथ। 1 शायरी भी शेयर करते हैं? टाइटल है? दास्तान? ये मेरी नहीं, मेरे दोस्त की दास्तान है। वे दुनिया की हर शै पर। हैरान? है हैरान हैं वो। इन 2 चेहरों के शहर पर। इंसान ने इंसान पर जो नाजिल किए हैं, उस शहर पर। कोई मजहब के नाम पर काट रहा है? कोई रंगों पर? बांट रहा है। समुद्र का? कोई जोर नहीं। अपनी ही किसी लहर पर।
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 0:11
ह**ो सुमन यू लाइक मई सेल tansaलॉटऔरतुमने मेरे सेल ने अच्छी सुना और उसको समझा भी उसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
Sophie Sophia
@sophie_world · 0:35
बहुत ही अच्छी लाइन थी जो आपने कहा silpiइसमेंकुछएड करना चाहूंगी गाय हिंदु हो गई, बकरा मुसलमान हो गया, राम और रहीम अलग हो गये ये तो हमारा हिंदुस्तान हो गया, हरा रंग मुसलमान हो गया केसरिया हिंदू कहलाया अब कहें तो क्या कहें ये समाज हमें कुछ न दे पाया।
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 0:21
ह**ो थैंक यू सो मच, सोफी मैम और आपने मेरी शायरी पे 2 वर्ड कहे मुझे बहुत अच्छे लगे और वैसे समाज हमें बहुत कुछ दे गया है और जो हम से और चाहते हैं उसको थोड़ा थोड़ा हम खुद बदलने की कोशिश करते हैं 1 हाथ हम बढ़ाते हैं 11 हाथ आगे से भी जरूर बढ़ेंगे।