@Shilpi-Bhalla
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 4:42

Chunoti

article image placeholderUploaded by @Shilpi-Bhalla
और किसान बहुत खुश हो जाता है। और अपने मन ही। मन सोच रहा होता है की आपकी फसल काट कर? जब जाऊंगा भगवान के पास? तो उनको बताऊंगा। कि देखो? मैंने? कितने अच्छे से मौसम का सिस्टम रखा? और देखिये अनाज कितना अच्छा हुआ है? बट? ये? क्या? वो? जैसे ही बालियों को गेहूं निकालने लगता है। बालिया? अंदर से एकदम खाली होती है? इतनी ही बड़ी? ऊँची ऊँची बालियां? लेकिन उनमें गेहूं का 1 दाना भी नहीं होता। अब किसान आँखों में? आंसू? आ जाते हैं?
@Wordsmith
Sreeja V
@Wordsmith · 0:33
शिल्पी जी बहुत ही बढ़िया स्वेल थी और हां जी बिल्कुल सही कहा आपने जब तक चुनौती जिंदगी में नहीं रहे तब तक हम उभर कर जिंदगी का सामना नहीं कर पाएंगे है न जो का बल्ला आती है न आत्म बल और शक्ति जो भरकर आती है वो शायद चैलेंजेस को फेस करने से ही आती है सो द स्टोरी इस रैली इंस्प्रेशनल थैंक यू फॉर शेयरिंग इट।
@Shilpi-Bhalla
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 0:08
ह**ो थैंक यू सो मच मेरे स्वेल को सुनने के लिए और इतनी सारी एप्लीसेशन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
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