कई बार बदला है। रंग बदला। ढंग बदला। अंदाज भी बदला? बदला है। रंग बदला। ढंग बदला। अंदाज भी बदला? बदला है? ऐसे तो। गिरगिट भी नहीं। रंग बदलता। जैसे तुमने खुद को बदला है। शाम भी कैंचुली? छोड़ते ही बदला सा नजर आता है। साफ भी कैंचुली? छोड़ते ही बदला सा नजर आता है। बस। रंग चमड़ी बदल जाती है। जहर कहाँ? बदल? पाता है? बदलाव? कानून? है? कुदरत का। हर शय को समय बदलता है?
मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 0:51
hi? shilpi good evening। मैनेजर स् का स्वर सुना काफी अच्छा था। काफी अच्छा कपता? लिखा? आपने? और बेशक। आपने। बिल्कुल। सही? बोला है कि इंसान 1। ऐसा जानवर है न कि वो वक्त के हिसाब से? समय के हिसाब से? या फिर सिचुएशन के हिसाब से। अपने रंग को बदल देता है। एग्जाम्पल है कि जैसे की इंसान है? अगर आप उसके आज काम आ सकते हैं। तो आप से बहुत प्यार से बात करेगा। जैसे जैसे उसको लेगा न क्या? आप उसे काम नहीं आ सकते? उसके बात करने का नजरिया बदल जाएगा।
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 0:37
हेलो नमस्कार? मनीशजी पहले तो आपके रिप्लाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। आपको पोयम अच्छी लगी। उसके लिए भी बहुत बहुत धन्यवाद। और आप से 1 रिक्वेस्ट थी की आप स्वयं बहुत अच्छे लेखक हैं। काफी अच्छा लिखते हैं। मैंने आपके काफी सारे स्वेल्स सुने हैं। तो जहाँ भी आपको लगे की कहीं इमप्रूव होना चाहिए। यहाँ कहीं पर मेरी कुछ वर्ड्स गलत गलत यूज करे। मैंने तो प्लीज अपनी सुजैशनस जरूर दीजियेगा। आपके सुझावों का हमेशा स्वागत रहेगा। 1 बार फिर से आपका तहे दिल से शुक्रिया।