@Shilpi-Bhalla
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@Shilpi-Bhalla · 4:30

Vivek ya Dhan

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ह**ो स्वेल कैसे हैं सब चलिए आज मैं आपको 1 कहानी सुनाती हूँ और आज में एंड में आपसे 1 कहावत का मतलब भी पूछूंगी तो चलिए अपनी कहानी शुरू करते है कहानी है देवी लक्ष्मी जी देवी सरस्वती जी की सरस्वती आप बातें कर रही होती है और बातों बातों में थोड़ी सी बहस छिड़ जाती है कि दोनों में बेहतर कौन है माँ लक्ष्मी ज्यादा बेहतर है यह माँ सरस्वती ज्यादा बेहतर है तो बात बड़ी लम्बी चलती है लेकिन उसका कोई हल नहीं निकलता तो वो पृथ्वी लोक पर आ जाती है पृथ्वी लोक पर आती है तो 11 व्यापारी 1 पेड़ के नीचे सो रहे होते है तो माँ लक्ष्मी कहते है देखिये सरसती जी मैं इसको कुछ समय में धनवान बना दूंगी तो वो कहते हैं ठीक है देखते है अब जैसे ही वो व्यापारी उठता है वो देखता है पास जितनी भी कंकर पत्थर पड़े हैं वो सब सोने के हो गए है तो वो उसको परखने के लिए सच में सोने के हो गए है वो और भी पत्थर लाके उसके शरीर से छुआता है तो वो भी सब सोने के हो जाते है तो व्यापारी बड़ा अचपितहोताहैउसको बोलता है मेरे साथ चल और को लेकर राजमहल में चला जाता है राज महल में उस समय राजा की बेटी विवाह के योग्य होती है और वो गडरिया से बोलता है कि तू कुछ बोलना मत चुप रहना उनको बोलता है की ये देखिये आपसे भी अधिक धनवान है और लोगो में सोना बांटते हैं तो इससे अच्छा वर आपकी पुत्री के लिए नहीं हो सकता तो राजा भी उसको देखने में सुंदर होता है तो अपनी बेटी के लिए पसंद कर लेते हैं अपनी बेटी की उससे शादी कर देते हैं जब रात को वो दूल्हा अपने कमरे में बैठा होता है और धुन छमछम करती आती है तो डरिए बचपन में दादी नानी से कहानी सुनी होती है कैसे चुड़ैल होती है और वो खूब सज दज के छमछम करती हुई आती है और आपको खा जाती है और वो ये सोच कर डर जाता है और डर के मारे बिस्तर के पलंग के नीचे लेट जाता है वो राजकुमारी आती हैं देखती हैं उनको कहीं डरिया दिखता नहीं वो वापस चली जाती है दासियाँ फिर आ के देखती है तो वहाँ पर फिर गडरिया बैठा होता है फिर उनको बोलती है की आप जाइए वो तो अंदर ही बैठे हैं फिर जाती है गडरिया फिर से छुप जाता है जब तीसरी बार फिर उसको बुलाने के लिए फिर से बुला कर लाती हैं राजकुमारी को तो गडरिया वहां से छलांग लगा देता है खिड़की से और जंगल में भाग नहीं लगता है की ये तो मुझे चुड़ैल है खा जाएगी वो उसको समझ इतनी बुद्धि नहीं होती की यह उसकी पत्नी है या ये राजकुमारी है इतनी उसकी बुद्धि नहीं होती और जैसे ही वो छलांग लगाता है तो उसी दम माँ सरस्वती वो काफी ऊँचाई से छलांग लगाता है तो माँ उसको रोक लेती है और उसका उसको बचा लेती है और उसी समय माँ लक्ष्मी प्रकट हो जाती है तो माँ सरस्वती उनसे लक्ष्मी से कहती हैं कि देखिए यह आपका बहुत धनवान व्यक्ति भी अपने जान से जाने वाला था ये बहुत सारे धन का करता क्या जब इसको इसके प्राण ही नहीं रहते तो महालक्ष्मी उनकी बात सुनकर मुस्करा देती है वो कहती है बिल्कुल सही बात है विवेक के बिना, बुद्धि के बिना धन का भी कोई लाभ नहीं है अगर आपके पास धन का अभाव है तो आप सुमति से, स्नेह से, सहयोग से अच्छी जिंदगी जी सकते हैं लेकिन अगर आपके पास अच्छी बुद्धि नहीं है तो आपके पास दिन कितना भी हो वो बिल्कुल व्यर्थ है तो ये थी आज की कहानी और आज मैं आपसे 1 आपको मैं कहावत बताती हूँ और प्लीज मुझे सब रिप्लाई कीजियेगा कि इसका क्या मतलब है तो मैं आपको जिसको होगा तो वो मुझसे वो भी शेयर करे और होगा तो मुझे बताए तो मैं आपको इसका मतलब भी बताऊंगा कहावत है 4 मिले 64 किले 20 रहे करजोर प्रेमी सज्जन 2 मिले खिल गए 7 करोड़ ठीक है बहुत प्यारी कहावत है और बहुत अच्छा इसका मतलब भी है तो आप सबके व्यूस का और रिप्लाईसका वेट रहेगा।
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