Secret’s of sound:
हेलो फ्रेंड्स। आज हम बात करेंगे द सीक्रेट ऑफ साउंड नोट इन द सेंस ऑफ फ्रीक्वेंसी in the real सेंस कि ये जो हमारी यह कैसे साउंड में लाई करती है, साउंड में डिसाइड करती है और या फिर साउंड के थ्रू ही हमें पता चलती है उसके बारे में बात करेंगे तो ये शुरुआत वहाँ से होती है जब हम लोग हमारी माँ के होते हैं तो हमको दिखाई नहीं देता है नाम को कोई लाइट का सेंस होता है तो हमारी साइट व्यू जो होती है वो कम्पलीट जीरो होती है और हम 1 फ्लूड लिक्विड में इंड इनक्लूड रहते हैं तो उसमें हमारा सेंसरी टच भी इतना ज्यादा डेवलप नहीं होता है जब हम में होते हैं तो सबसे इम्पोरटंटचीज जो होती है हमारे लाइफ में सबसे पहले जो होती है वो होती है साउंड की पहचान और कोई बच्चा जो है वो सबसे पहले अपनी माँ के हार्डविक साउंड सुनता है और वो अपने जब माँ माँ ट्रेस में होती है तो बच्चा भी ड्रेस में होने लगता है तो वो ड्रेस में होने से क्या हमारी हार्ड बिड ऊपर नीचे होती है तो वो उसका इम्पैक्ट बच्चे पर भी रहता है माँ की आवाज को वो सुनता है उसको रिकगनाइज करता है जब वो पैदा होता है और बाहर आता है तो उसकी उसका ब्रेड इतना डेवलप नहीं होता है लेकिन वो फिर भी अपने स्पीड के थ्रू जो भी उसका हमारा जो स्पीड है वो कम्यूनिकेट करने की कोशिश करता है तो हम साउंड को चुनते हैं तो बच्चा अपनी टूटी फूटी लैंग्वेज में आओ करके बोलने लगता है। अगर आप यह पूछेंगे कि वाई वाई साउंड इस, शो, शो इमपोर्टंट तो यह लैंग्वेज क्या है लैंग्वेज ये इस तरह से है।