Sarwan Kumar
@sarwan_shan · 1:48
बात से बात की गहराई चली जाती है
रुके, पानी में। छप से गिरती है। कोई चीज। रुके। पानी में। दूर तक फटती हुई काई चली जाती है। मस्त करती है। मुझे। अपने लहु की खुशबु। मस्त करती है। मुझे। अपने लहु की खुशबू। जख्म। सब खोल के। पुर्वाई। चली जाती है। दरो। दीवार पर। चेहरे से उभर आते हैं। दरो। दीवार पर। चेहरे से उबर आते हैं। जिस में। बनती हुई तनहाई चली जाती है। जिसमे बनती हुई तनहाई चली जाती है। थैंक यू।