Sarwan Kumar
@sarwan_shan · 3:21
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?
Nikhil Kapoor
@lamhezindagike · 0:20
हरिवंश राय जी की लिखी हुई। पंक्तियां। और आपकी। आवाज़। बहुत खूबसूरत सुनकर। मजा आ गया।
ह**ो श्रवण जी कैसे हैं आप मैंने आपकी बोली हुई कविता सुनी। और यह कविता हरवंश राय बच्चन जी की है। बहुत गहरी बातें हैं उसको समझने के लिए। उसको सुनकर लगा कि शब्दों में? कितना कितनी गहराई है? अगर हम इसे गहराई से सोचते हैं तो बहुत बड़ी बात कही है हर लाइन में। और आपने अपनी आवाज देकर सच में से और भी अच्छा बना दिया। और आपके बोलने का अंदाज बहुत अच्छा है। अधूरी लाइन। अधूरी पंक्तियों को गुनगुनाना कब मना है? और मैंने उस वो जो लाइन है लास्की उजड़े हुए को फिर से बसाना कब बना है?
Sarwan Kumar
@sarwan_shan · 0:07
थैंक यू स्वाती जी? थैंक यू वेरी। मच। आपने इतना अच्छा स्कू प्रेस किया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद। आपका।