Sarwan Kumar
@sarwan_shan · 2:07
उम्र की ऐसी तैसी ….
ह**ो दोस्तों मैं श्रवण आज आपके सामने फिर से पेश हूँ। 1 और कविता लेकर। और ये कविता है उम्र की ऐसी तेसी। और ये कविता लिखी है हमारे देश के पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने। श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी हिंदी के बहुत ही प्रकांड पंडित थे। और जिन्होंने बहुत सारी कविताएँ बहुत सारे लेख हिंदी के बारे में लिखे हैं। तो उनकी ही 1 कविता है जो बचपन से और बचपने से। और हमारी जिंदगी को किस तरह जीना है? इसके ऊपर निर्भर है? तो पेश है। आपके सामने। कविता।
kala vyas
@kalakalyani1 · 0:46
वाह? जी वाह दिल खुश कर दिया। हम बीजेपी वालों का इस से मिलता जुलता 1 सोंग याद आ गया। ये फिल्म ड्रीम गल्स का है। हेममारेमीजेका आपने सुना होगा। दुनिया के लोग कितने अच्छे होते? दुनिया के लोग कितने अच्छे होते? बढ़ना होते? काश सारे बच्चे होते? दुनिया के लोग कितने बच्चे होते? बहुत प्यार से अपने की कविता गा। मुझे। बहुत अच्छा लगा। आखिर कार? हम वीजे वाले? जो।
Sarwan Kumar
@sarwan_shan · 0:25
धन्यवाद। काला जी। आपको मेरा ये कविता पसंद आया है। सच में। बी जे पी वालों के लिए। तो अटल बिहारी जी की कविता सच में बहुत बड़ा गिफ्ट होती है। जो गाना आप कह रही हैं। ड्रीम में। मैंने सुना है। बहुत ही प्यारा गाना है। और आपने भी इसे बहुत अच्छी आवाज में गाया है। आपका। बहुत बहुत धन्यवाद की। आपने मेरी कविता को पसंद किया।