@sarwan_shan
Sarwan Kumar
@sarwan_shan · 1:13

लोग हर मोड़ पे

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मेरा ताल्लुक ही नहीं? बरसों से। नींद से। मेरा ताल्लुक ही नहीं? बरसों से ख्वाब आ। आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं? नींद से? मेरा ताल्लुक ही नहीं? बरसों से ख्वाब आ। आ के मेरी छत पे टहलते क्यों है? मोड़ होता है जवानी का? संभालने के लिए? मोड़ होता है जवानी को सँभालने के लिए। और सब लोग? यहीं आके फिसलते क्यों है?

लोग हर मोड़ पे / राहत इन्दौरी

@kalakalyani1
kala vyas
@kalakalyani1 · 0:07
वाह? बेहतरीन? पेशकश? रात? इंदौरी जी ने बिल्कुल सही कहा है?
@sarwan_shan
Sarwan Kumar
@sarwan_shan · 0:05

@kalakalyani1

बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
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