मैं इससे हार मान बैठी हूं। मैं इससे हार मान बैठी हूं। फिर भी ये बाज नहीं आती है। मैंने इसको दिल में छुपा रखा है। मैंने इसको दिल में छुपा रखा है। फिर भी ये दिल मेरा दुखाती है। आईना देखना भी छोड़ दिया। आईना देखना भी छोड़ दिया। अभी आंखों में नजर आती है। जब कोई गीत गजल लिखती हूँ मेरे लफजों में समा जाती है। जब कोई गीत गजल लिखती हूँ मेरे लफ्जों में समा जाती है। है शाम? ढलते ही चली आती है, यह उदासी ही मेरी साथी है। धन्यवाद?
in other beautiful partry from you what i low the most about your partrisis that they are free flowing बहुत खूबसूरत से आई मीन 1 पॉइंट से दूसरी बॉयन तक 1 नदी की तरह गिरती है 1 दम है 1 अनोखा सुख देती है जब आपकी पार्टी लिजन करती हो चाहे सब्जेक्ट जो भी हो और यह भी बहुत खूबसूरत रहा बहुत अच्छी तरह से लिखा है आपने उदासी के बारे में जो जब शाम आती है तो जब सूरज डूबता है तो हमारा मुंह भी थोड़ा थोड़ा उदासी की तरफ जाता है बहुत सुन्दर लिखा है लिखते रहिये अच्छी तरह लिखते रहिये बहुत खूबसूरत लिखती है।