@sapma
meenu Malik
@sapma · 5:00

Every bitter Experience give perfection to lyf.

जिंदगी जिंदा दिली का नाम है जिंदगी में उतार चढ़ाव भी आते हैं कई चुनौतियां भी आती हैं जिन्हें हम फेस करते करते बिखरते हैं भी हैं पर हम जितने बिखरते जाते हैं मुझे लगता है हम उतने ही निखरते जाते हैं रोज मर्रा की 1 नई चुनौती लाइफ में जो हम फेस करते हैं हमें 1 सबक 1 सीख देकर जाती है जितनी कठिनाइयों से हम निकलते हैं उतने हम मजबूत हो जाते हैं खुद को समझना आसान हो जाता है अपने से बड़ों को समझना भी बहुत आसान हो जाता है अनुभव होने लगता है कि वो लोग किन एक्सपीरियंस से निकलकर ऐसे बने किस तरह से उनमें त्याग की भावना आई कैसी कैसी लाइफ कॉम्प्लिकेटेड होते हुए भी ईजी इजी लगने लग जाती है जब हमें समझ भरने लगती है संयम आने लगता है संतुष्टि आने लगती है 1 ऐसी भावना आने लगती है कि हम सभी को को समान भावना से देखते हैं और सबके लिए सुख मांगने लगते हैं अपने दर्द सहते सहते अपने दुख तकलीफों को झेलते झेलते इतनी समझ बढ़ जानी चाहिए कि हमें सभी के लिए सुखों की कामना करनी चाहिए चाहिए कि शायद जो दर्द जो तकलीफ मैंने सही वो किसी को भी न मिले जिन चीजों का मैंने सामना किया जिन दर्दों से मैं गुजरी जिन इमोशंस जो मेरी इमोशंस हर्ट हुए जो मुझे मिला जो नफरत वो वो चीजें मुझे किसी को नहीं देनी हमें अपने हर पहलू से सीख लेनी चाहिए जबकि कई लोग अपने व्यवहार में जैसे होते हैं वही दूसरे को देने की कोशिश करते हैं क्योंकि वह खुद 1 तनाव से गुजर रहे होते हैं खुद 1 जालेस कहलो या खुद को इन क*्पलीट कहीं न कहीं फील करते हैं तो वो दूसरों के लिए भी बुरा सोचने लग जाते हैं अपने रिश्तों के साथ भी उनको बर्दाश्त नहीं कर पाते उनके साथ अच्छा सलूक नहीं करते लेकिन मेरा मानना है हमारी हर लर्निंग हमें कुछ न कुछ कुछ ऐसा 1 मोटिवेट करती है खुद को 1 ऐसी स्किल देती है कि हम जितना इम्प्रूव करते जाएंगे जितना हम अपने अनुभव से सीखते हैं, जितना हम अपनी ठोकरों से सीखते हैं जितना हम अपने दुखों से सीखते हैं शायद हमारे सुख भी हमें उतना नहीं सिखा सकते तो हमें अपने हर तकलीफ अपने हर चैलेंजेस अपने हर हार से अपने हर लाइफ के हर चैप्टर से कोई न कोई मोटिवेशन लेना चाहिए क्योंकि नैगेटिविटी 1 अलग चीज है और नेगेटिव हार 1 अलग चीज है हम जिंदगी में हारते हैं कई कॉम्पिटिशन में हार कर कहीं बिजनेस में कहीं पीछे रह जाएं कहीं रिश्तों के उलझन में हम उलझ जाते हैं पीछे रह जाते हैं तो भी हम कहीं न कहीं कॉम्पिटिशन करने लगते हैं उससे पहले तनाव आता है और जब तनाव आता है हम इतने दुखी हो जाते हैं और खुद को नैगेटिविटी में ले जाते हैं जिससे आजकल के माहौल में लोगों को डिप्रेशन हो रहा है जबकि ये सारा 1 मन का खेल है इसको समझो तो आप अपने अंदर इतनी पॉजिटिविटी ला सकते हो कि आप आने वाले टाइम में किसी को भी अपने जीवन से प्रेरणा देकर 1 नई पीडी को भी 1 नव दिशा प्रदान कर सकते हो जो आपके जैसी पीछे की जितनी उम्र आप जी आए हो उस उम्र से निकलने वाले हैं वो आपके किसी अनुभव से आपके किसी अच्छी लर्निंग से कुछ अच्छा सीखने सकते हैं तो क्यों न हम अपने आप को इतना सुलझा हुआ बनाए कि अपनी हर चुनौती से निखरते जाए जितना जिंदगी बिखेरती जाए बिखर के भी हम सिमट कर निखरते जाए क्योंकि जिंदगी है इसे जितना समझेंगे उतने उलझते जाएंगे और जितना खुश होकर जिएं।
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