hello avrwndisizeva hmari bare me a la a क्या जो अपनों को हम न समझें वो सपने ही क्या कि जिनको हम न समझे 1 लंबी फहरिश्त शिक की हो मेरे पास या उनके रुकती धडकनों के तारों को दम बदम न समझे बस समझदार होने का टैग लग गया है तेरी हंसी के पीछे आंखें हुई क्यों न न समझे तुझे डांटा और सीखे भी दी गई तेरे अंदर के भवर को कभी हम न समझे हाँ रिश्ता तो खून का है तेरे साथ साहेब मगर रिश्ता तो खून का है तेरे साथ साहिब मगर तेरे अंदर पल रहे हम को हम न समझें तो ऐसा कई बार होता है कि हमारे आसपास जो लोग हैं जिनसे हम बहुत महत्त करते हैं वो लोग कभी तकलीफ में होते हैं या परेशानी में होते हैं और हम समझ भी नहीं पाते कि वो परेशानी में हैं उनकी उनकी दुख तकलीफ कभी कभी हम नजरअंदाज कर लेते हैं वो कहते हैं न जो मेरे सबसे करीब होते हैं उनको ही उनको ग्रांटेड ले लेते हैं पर जब वो नजर आने लगती है तो हम सी ही बर्दाश्त नहीं हो पाता कि यार ये हमसे कैसे मझे हम क्यों नहीं समझ पाए क्यों नहीं देख पाए कि उनके साथ क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है या कोई परेशानी है उसको आंख क्यों नहीं पाए तो उसी के बारे में थोड़ा कुछ लिखा था मैंने बताएगा आपको कैसा लगा बताइएगा कि आप क्या सोचते हैं कि कभी आपकी नजरों से अगर चूक जाते हैं, नजरअंदाज हो जाते हैं और फिर आपको पता चलता है कि अरे यार ये कैसे हो गया मैंने कैसे नहीं देखा तो आपको क्या लगता है? प्लीज बताइएगा।
hi ziva so thank you for and writing me and this poem was was beautiful and love your poems and looking forward to hearing move from you yeah thank you so much।
zeba sahib
@Sahibzaaadi · 0:23
hi its all is nice to be appreciated and you always in cares and appreciated and its a beautiful tv that you just said so i hope you ke poplin you know san cast its always good to take।
zeba sahib
@Sahibzaaadi · 0:12
he trata thanks for liking the form im gladdedelected and a full use in to all my adursmarcasislan lots of love take care।
Mujahid Khan
@mujahid123 · 0:32
zebagimasalasaa या तो आप लिखना छोड़ 2 या मैं लिखना छोड़ दूंगा मजाक कर हो बहुत अच्छा लगता है आपकी बातें सुनकर वेरी रईस।
zeba sahib
@Sahibzaaadi · 1:31
थैंक यू मुजाहिद आपका बहुत बहुत शुक्रिया वैसे मैं कुछ खास लिखती हूं हूं मुझे लिखना इतना आता नहीं है बस जो दिमाग में चीजें आती रहती हैं उनको इधर उधर अडजस्ट करके लिख लेती हूं मतलब मुझे काफी बार बोला गया है जो जो लोग जानते हैं लिखना उनसे कि सब्र करके ठहर के उसी चीज को बार बार पढ़ के उसको ठीक करते रहा करो जब तक तुम्हें लग लगता नहीं कि मुक*्मल तरीके से अच्छा हो गया है पर आई थिंक मुझमें पेशंस नहीं है वो करने का तो मैं जैसे लिखती हूँ उसको वैसे ही रॉ पोस्ट कर देती हूँ आती है मुझे मेरे दोस्तों से सलाह के अरे उसको ऐसे लिखते तो अरे उसको वैसे लिखते तो तो पर आई थिंक ऐसे वैसे में न उसका कोर फील*** चला जाता है तो और तुम जिस पर्स्पेक्टिव से लिख रहे हो जरूरी नहीं है कि सामने वाले को वही पर्स्पेक्टिव लगे या वही समझ में आए तो इसलिए और थैंक यू आपका बहुत शुक्रिया कि आपने अपनी तारीफ की आपको मेरा वही मकसद भी वहीं रहता है कि लोगों से कनेक्ट करें और बेसिकली ऐसा कोई मेरा मकसद लिखने का था नहीं यह मेरा वेंट आउट करने का तरीका था जब अच्छा लगता है जब लोग उससे कनेक्ट कर पाते हैं तो ऐसा लगता है कि ठीक है यह मोशन सिर्फ मेरा नहीं है और लोग समझते हैं विच इज वेरी गुड फील*** सो बहुत बहुत बहुत बहुत शुक्रिया आपका।