और मेरा जुनून भी तुम हो। मेरी कलम भी तुम हो। मेरी शायरी भी तुम ही हो, मेरा जीवन भी तुम हो। मेरा अंत भी तुम हो। बस इसी के साथ हमारी 1 छोटी सी किसी की यादों में लिखी गई पोयम खत्म होती है। आई होप? आप सबको? अच्छी लगे। अगर कुछ इधर उधर हो गया। तो आप मुझे बता भी सकते हैं। जिससे कि मैं आगे बहुत अच्छी तरह से लिख सकूं। और आप सब को सुना सकूँ। बाकि आज के लिए इतना ही। वापस। जरूर आएंगे किसी की यादों में खोये हुए? या किसी के इसक में दुबे हुए? पोएम लिखते हुए?
Disha Agarwal
@disha_aga05 · 1:04
ह**ो माम? नमस्ते? मेरा नाम दशाह एंड। पहली बार तो आपकी जो ये होम थी वो बहुत ही ज्यादा बढिया थी। बहुत सुंदर थी। कुछ उसी। जो आपने जस इमोशंस के बारे बारे में लिखा है। उन्हीं के बारे में। कुछ और लाइन। कहना? चाहूंगी? तो वक्त के मोड़ पे। ये कैसा वक्त आया है? जब दिल का जुबान पर आया है? न? रोते थे? कभी? कांटों की सुबह से? आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है? धन्यवाद। और आपकी। जो यह कविता थी वो बहुत ही ज्यादा सुंदर थी। आप।
SABNAM SHA
@SABNAM_SHA · 0:48
ह**ो? दिशा जी गुड ईवनिंग आपका बहुत बहुत शुक्रिया कि आपको मेरी लिखी हुई पोत्री अच्छी लगी आपने उससे सुना समझा और आपने भी कुछ उसमें अलफाज अपने ऐड की है वो भी बहुत खूबसूरत अल्फाज है आपके। आपका बहुत शुक्रिया मेरी पोत्री सुनने के लिए और आपके अल्फाज उसमे ऐड करने के लिए और आपका कीमती समय हमें देने के लिए। बहुत बहुत शुक्रिया। जी जरूर मैं आगे भी बहुत अच्छी अच्छी लगती रहूंगी। और मुझे यही आशा की आप हमारी पोइट्री सुनेंगे और समझेंगे और आप अपना पॉइंट व्यू इसमें ऐड करेंगे थैंक यू सो मच।