क्यों लिखता हूँ? तो सबसे पहले बात करें तो हम कई को अक्सर ये ख्याल आता होगा कि क्यों लिखता हूँ? या लिखती हूँ? या हम? क्यों लिखते हैं? और बहुतों को शायद उसका जवाब नहीं पता होगा? या फिर पता होगा? मैं कह नहीं सकता? लेकिन ये ख्याल मेरे मन में प्यार था। और मैंने उसी के बेस्ट पर 1 पयमलिखिहैतोचलिए शुरू करते हैं। मैं क्यों लिखता हूँ? मैं? क्यों लिखता हूँ? 1 सवाल? उठा। अनायास ही। मन में। कुछ हलचल हुई? हुआ? विचित्र। आभास भी। क्या लिखता हूँ? मैं? खुद का मनोरंजन करने को? या फिर लिखा करता हूँ? मैं? लोगों से। अभिनन्दन भागने को? क्या लिखा करता हूँ? मैं? अपनी भड़ास मिटाने को? या प्रपंच रचता? या प्रपंच रचता? विद्वता? का? सत्य को? पुन? सत्य? बताने को? क्या लिख दिया करता हूँ? मैं अपनी विधा का प्रचार करने को?
Prabha Iyer
@PSPV · 2:45
राइट एंड रियली? लव? द वे यू टोल्ड योर? पोयट्री? मैं क्यों लिखता? हूं द परफेक्ट? जस्टिफिकेशन ऑफ वाट? यू वांट? तो से वाट यू वांट? टू डिलिवर? थैंक यू सो मच?
ROHIT RAJ
@Rohit_raj_0001 · 1:11
ह**ो? मैम आपने बहुत अच्छा कहा है कि कभी कभी हम जो कहना चाहते हैं वो कह नहीं पाते? या फिर जो कुछ भी हम कहते हैं लोग उसका दूसरा ही मीनिंग निकाल लेते हैं? तो इन सब चीजों से बचने का जो सबसे बेस्ट मेटर होता है वो है राइटिंग। क्योंकि इसमें आपको टाइम मिलता है। आपको सोच समझ कर अपनी सही सब का चयन करके लिखते हैं। और अपनी बातों को लोगों तक रखने की कोशिश करते हैं। तो ये बेस्ट मेहतर उतरा है। और दूसरी बात यह कि हम यदि हम अच्छे ढंग से अपनी बातों को नहीं रख पाते हैं बोल कर? तो सामने वाला व्यक्ति भी बोर हो जाता है थोड़ा? और हमें भी।