ROHIT RAJ
@Rohit_raj_0001 · 2:00
अपने : बदलते रिश्तों की कहानी
अपनों की भीड़ में खोते हुए। अपनों से ही परेशान होकर, अपनों के सामने रोते हुए। ये अपने। कितने अपने हैं? हकीकत है? या? सपने? है? स्वार्थ की? चादर? हट? चुके। क्या?
Muskan Bothra
@Heart_sayer · 3:22
के के लिए जीना है? हां? गलत नहीं है? यह जीयू। लेकिन जो अपनों के साथ मजा है। जो रिश्तों में खूबसूरती है। वो खुद में जीने के लिए? उस खूबसूरती में आपको? नहीं? मिलेगी? माना खुद के लिए। जीना? 1 खूबसूरत? साथ है? कितनो का? सपना है? लेकिन वो परिवार के साथ उठना, बैठना, शरारती करना, गपशप करना, लड़ाई, झगड़े, अपना पन, सब कुछ। वो, अकेले पन में? नहीं मिलेगा। रिश्तों के मायने? बदल चुके हैं। आज। आपकी।