पड़ता। उसके के बाजार में। न? कहीं? नहीं? बिकता? उसकी? फिक्र करते हजारों। उसे। परवाह। किस बात की? है? न? मारा? फिरता? गलियों में? आखिर। बात? अपने जिस बात की है? मैं? यूं। सब? कुछ तो नहीं? कहूँगा? कुछ बात? राज ही? रहने? दूं? खामोशी की नदी बह रही। उसे। शांति से बहने? दें? बस? इस तरह से। 1 खत अपने नाम लिख रहा हूं। मैं। प्यार का पैगाम?
बहुत अच्छा लिखा। आपने। मैं भी कुछ लाइन्स एड ऑन करना चाहूंगी। बहुत समय से वो हमसे दूर और हम उनसे दूर थे। क्योंकि दिल की बात जो दिल में छुपा रखी थी। बहुत समय से वो हमसे दूर और हम उनसे दूर थे। क्योंकि दिल की बात जो दिल में छिपा रखे थे। सामना करने में हिचक सी थी। 1 दूसरे को देखने में शर्म सी थी। क्योंकि दिल की बात जो दिल में छिपा रखे थे। बहुत दिनों के बाद ही सही। मगर। आज।