ROHIT RAJ
@Rohit_raj_0001 · 2:47
"मजहबी कीड़ा : समाज का विनाशक "
ये उनके लिए आम बात थी। हर दिन हिंदुओं के बारे में। मौलवी साहब से यही सब तो सुनते आ रहे थे। अब तो वो भी हिंदुओं के बच्चों को गिरना भाव से देखने लगे थे। और इस प्रकार मजहरी घृणा फैलाने का ये कार्य लगातार चलता आ रहा था। फिर 1 दिन जब बच्चों को मौलवी साहब पढ़ा रहे थे। 1 युवक दौड़ता हुआ आया। और हांफते हुए बोला, चाचा जान। अभी? अभी। खबर आई है? कि कुछ काफियों से लडते हुए, दुबई में रहीम। भाई जान, मारे गए हैं। मौलवी साहब?
Disha Agarwal
@disha_aga05 · 1:12
अगर हम प्यार और मिल बाट कर रहेंगे तो ही हमारी जो संस्कृति है, हमारी जो अधिकार है, मूल है, वो आगे हमारे बच्चों तक पहुंचेंगे। और ये जो दुनिया है, वो आगे चल पाएगी। तो मैं आपसे बिल्कुल सहमत हूं इस बात पर। और मुझे आपकी कहानी बहुत पसंद आई? थैंक? यू सो? मच।
चलना ही तो है? क्योंकि आप कहीं भी अपना व्यापार कर रहे हो? आप रह रहे हो? पड़ोस में? पड़ोस में? अगर, हिंदू और मुस्लिम? और सिख की सही? धर्म में बांटने लगेंगे? तो हम ना व्यापार सही से कर कर सकते हैं? और न ही हम अच्छे से रह सकते हैं। और न ही हमारे लिए कहीं पर भी सेफ हैं। 1 दूसरे को विरोध ना करके, प्यार से, भाईचारे से, इंसानियत के रूप में रहे हैं? तो बहुत सुन्दर समाज हो? आने वाली पीढ़ी को हम क्या शिक्षा दे रहे हैं? यह हिंदू है? स्लिम? साइज?