कहाँ खो गए वो दिन- विक्रम-बेताल, पापा और मेरे स्कॉलरशिप के क्लासेस्
कई जगहों पर आपने देखा होगा कि सिलाई की जो मशीन होती है? जिस पर पैर रख के ऐसे ऊपर नीचे किया जाता है? तो वहाँ पर 1 बच्चा बैठ सकता है? इतना इतनी जगह होती है? तो मैं अक्सर चुपके। उनकी सिलाई की। मशीन का पेड था। उस पर। बैठ के चुपके से देखा करती थी। ताकि मेरे पिताजी आये? और दरवाजे से देखें कि कौन बच्चे? बैठे हैं? तो मैं दिखाई न दूं? उनको? मतलब? ये मेरा उसके पीछे का मकसद होता था। और चुपके से मैं देख लेती थी।
पुरानी स्टोरीज? और पुराने सीरियल्स? वगैरह देखा जाए? तो उसमे न? विक्रम? बेताल? रामानंद? सागर? ऐसा आया? तो मैंने सोचा 12 एपिसोड देखती हूँ? 12 एपिसोड देखने के बाद। फिर मुझे याद आया? कि अरे वो सिलाई की मशीन के नीचे ऐसा ऐसा 1 हादसा हुआ था? और फिर मैंने सोचा कि तुरंत आप लोगों को स्व करके बताओ? तो आपको कैसा लगा? जरुर? बताइएगा? थैंक? यू? वेरी? मच?
Neelam Singh
@NEELAM · 2:08
हम भी किसी के यहाँ जा कर के थोड़ी सी झलक देखके आते थे। थोड़ा सा देख के आते थे। और जब हम देखते थे तो इतना अच्छा लगता था कि वहीं बैठ जाते थे। तो आपके बोलने पर मेरे आंखों के सामने वो पुराना दृश्य है। मेरी आंखों के सामने आ गया। 1 हमारी पंजाब नाटी थी? हाँ उनके यहां था। टीवी हमारे यहाँ भी नहीं था। और आपकी मम्मी नहीं थी। और मेरे पापा नहीं थे। जब मैं 7 साल की थी तभी मेरे पापा की हो गई थी।
और घर पे आके। वो। टाइम के अनुसार जो टीवी के जो पोस्ट होते थे। ये जो एपिसोड्स आते थे। समय के हिसाब से आते थे? ऐसा नहीं। मैंने भी शेयर किया था। स्व एपिसोड। और उसमें बहुत प्यारी प्यारी चीजें। याद आ जाती है। क्यूँ? 1 एपिसोड। अगर आप पिक्चर को देखते है तो आपको उस टाइम का वो 1 जोन में चले जाते हो। और वो जो ब्लैकिंगवाइट था। आपने कहा? जो? ब्लैकवाटर? डिब्बे वाले। सीआरटी बॉक्सेस होते थे? टेक्निकल बोल रहा हूँ? सीआरटी बॉक्स। टीवी जो होते थे।
फुट? वगैरह इस तरीके। की। उसे थोड़े से छोटे टुकड़े करके वो टुकड़े। उसमें, उसके मटके में रखे हुए होते थे। नमक भी उसमें रखा हुआ था। और मटके के आसपास। उसने कपड़े? कपड़ा लपेटा हुआ था। और उसमें वो आइस्क्रीम के? जो मोल्ड्स में आईस्क्रीम। डालके बुलाता था? रमेश? अंकल? तो मैंने कई बार देखा है की जब ये साइकिल की ट्यूब? नहीं? सको? छोटा? छोटा? सा? गोल? गोल? रिंग के? जिसे काट के? उसकी? जो। उसके जो मोल्ड होता था।
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 1:11
हेलो? गुड? मॉर्निंग? जो किस्सा था। इसने बचपन के दिनों में। मैं फिर से ले गया। बॉक्स। उसका ब्रांड? याद है? हमारा ब्रांड? वेस्टन था। और मेरी ज्वाइन। फैमिली में रहते थे। तो उनका ब्रांड था? सो? विक्रम? बेताल? दादा? दादी की कहानियाँ। ये सब देखने का। सच में इतना क्रेज होता था कि बता नहीं सकते। और कुछ नम्बर दिन को कहीं जाना पड़ जाता? कोई फैमिली? गेट, टुगेदर होती थी? तो हम सोचते थे।
मुझे तो बचपन से ही हॉडर? स्टोरीज? पसंद है? बट? ऐसे चाइल्ड? और क्या ही? भूतियां? सुनाती? तो? यही सबसे बड़ा हॉडर? स्टोरी? था? बचपन? में? मेरे? मेरे लिए। सो? हाँ? अपने लिटरली? यादें? ताजा? कर? दी? थैंक? यू?
Swell Team
@Swell · 0:15
मतलब पिक्चराइजेशन? उसका इतना क्वालिटी वाला नहीं था? क्योंकि उस समय जो इक्विपमेंट थे उस पर वो शूटिंग हुई है मगर उस समय वो बहुत बहुत बहुत बड़ी बात थी। और मुझे अच्छा लगा कि कम से कम आपकी मॉम ने ये चीजें आपको सुनाई है? तो आपको ये कहानियां पता है? तो आप सुनिए। और आपको यदि विक्रम वेताल देखना ही वाकई में 1 एपिसोड कम से कम देखना होगा। ऑनलाइन जाके। देख लीजिए? अभी मिलता है। सब कुछ। और गूगल? पे है उन्होंने। वैसे। वैसे उनके एपिसोड सारे डाले हुए हैं। थैंक यू वेरी मच।
मुझे अच्छे से याद है कि रामायण का रिपीट टेलीकास्ट चल रहा था? क्यूंकि? ऑन डिमांड। वो भी? रामायण एपिसोड खत्म हो गया था। उसके बाद मैं वापस उसको ऑन डिमांड। लोगों के कहने पर दूरदर्शन को वापस उसको टेलीकास्ट करना पड़ा था। और वो जो सेकंड बार जब रामां आया। तब ये दादा दादी की कहानियां? विक्रम? पताल? यह सब आए। और उसके बाद का मतलब? ये दादा दादी की कहानियां। वगैरह अच्छे से याद है। अशोक कुमार। और पहले अपना से चश्मा? सा लेके। और बढ़िया से अपनी शाल पहन के। और सब को बड़े।
prat pal
@Radharani · 0:12
is it was? onida? we? used? to have? collar? tv? and the all? the nablrokitscomes? and watch? with all the shows? on the tv।