#maharashtrapolitics #maharashtracrisis GAME OF POWER/PAWARs!
ऐसा नहीं है। उनके अनाउंसमेंट के पहले। मतलब उन्हों इस्तीफे का एलान करने के पहले? या संकेत देने के पहले भी? उसके भी 1 हफ्ते पहले है। उन्होंने हर स्टेट में 1 सबसे बड़ी कमिटी होती है? उसका? बोलते हैं? लोक लेखा समिति। उस पर। उन्होंने रोहित प्रवार का नाम रिकमेंड कर दिया था। दरअसल जो अपोजिशन लीडर होता है। वो उस पद का हकदार होता है। मगर वो पद। शरद पवार जी ने अजीत पवार को रोहित पवार को दिया। उसके बाद में पार्टी के अंदर ये सारी चीजें। जो आप सुन रहे हैं।
बंटवारा करते वक्त यह ख्याल रखा गया है कि सबसे ज्यादा अच्छे पॉइंट्स किसके हैं? किन चीजों में? कौन अच्छा है? तो सुप्रिया पवार ये राजनीति रहा। केंद्र में। ज्यादा अच्छी हैं? वो उनका जो औरा है। वो केंद्र की राजनीति में ज्यादा फिट बैठता है। तो इसलिए उन्हें वो जिम्मेदारी? और स्टेट में अजित पवार जी को जिम्मेदारी देने की बात हो जाएगी। मगर इसमें भी पार्टी में काफी नाराजगी आ रही है।
दूसरी बात है कि स्टेट में भी पावर नहीं? मिलेगी? और सेंट्रल में भी। यदि का राष्ट्रीय करणी करने का होगा? तो अपने जूनियर के साथ, उसके उनके अधिकारों को मानते हुए उनके अंडर काम करना पड़ेगा? ये जयन पार्टिल को लग रहा है? भले ही वो उनके ग्रुप में हो? देखिये हायर की हर जगह होती है। और दुख तो होता ही है। तो ऐसे में अपनी पार्टी के अंदर बहुत ज्यादा दरारे आती हुई? देखे? उन्हें? तो वो शायद टेम्परेरी प्रेसिडेंट? किसी और को बना दे।