शरद पवार की राजनीति का युग ख़त्म ये कहना जल्दबाज़ी होगी, बचकानी बात होगी…! #sharadpawar #maharashtracrisis #maharashtrapolitics
आज का स्वेल मैं इस चीज पर नहीं कर रही हूँ? स्वेल यह है कि कुछ यहाँ के राजनीतिक जानकार ये कह रहे हैं कि अब शरद पवार की राजनीति खत्म? शरद पवार का इरा खत्म? शरद परत के राजनीति का युग खत्म हो गया है। मगर? मुझे ये बचकानी बातें लगती हैं। वो इसलिए भी लगती है कि जब पूरे देश भर में मोदी लहर थी। सेकेंड अवे में। उस समय। महज। 1 दिन। बारिश में। भीग। के 80 साल के। उस समय। वो 80 साल के थे।
ये कदम नहीं उठाया जा सकता? तो क्या ऐसा हो कि 1 फूट पार्टी के अंदर हो जाए? और फिर बाद में जब चुनाव का वक्त आए? तब ये उनकी घर वापसी आसानी से हो जाए? इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता? क्यूंकि? आजकल जो भी राजनीति हो रही है, राजनीतिक पार्टियां? जिस तरीके से करे कॉर्पोरिट कार्पोरेट एजेंसियों से कम नहीं है। कॉर्पोरेट? एजेंसियां अपनी 1 कंपनी बनाती है? और उस कंपनी से छुटकारा कुछ समस्याओं को लेकर करने के लिए दूसरी कंपनी का निर्माण कर देती है? तो ये कमोवेश वैसा ही नजर आ रहा है? जैसे मैंने जिक्र किया था कि कई सारे नेता जिनके गढ़ भी डूब गए हैं।
शरद पवार की खत्म नहीं है। किसी भी राजनेता की राजनीति खत्म नहीं होती। और शरद पवार जैसे राजनेता की तो मैं नहीं मान सकती। कि हो गई है? थैंक? यू? वेरी? मच दोस्तों।