मुंबई,सुपर वुमन और लोकल ट्रेनस्….
इसलिए वो दूर दर से 2233 घंटे ट्रेवल करके यहां पर बंबई की। टी में मतलब। सब, बॉब्स। या बंबई के साउथ। बॉम्बे में? आके जॉब करना एफोर्ड कर पाता है। यह बंबई की सच्चाई है। तो आप यदि कभी भी ट्रेवल करते हैं? तो आपने 1 चीज नोटिस की होगी लेडीज। बॉगी अलग होती है बम्बई में। और अभी 123 बॉगी बढ़ गई है। दूसरी 1 चीज यह नोटिस की होगी कि बॉम्बे में 3 या डेढ़ मिनट के बाद 1 ट्रेन आती है। दूसरी बॉम्बे में लोकल ट्रेन्स का और 1 मजेदार यह है कि आपको फास्ट?
तो अब तो ये समझ ही गए कि मुंबई को दौड़ती हुई मुंबई। क्यों कहते हैं क्योंकि हर जगह टाइम टू टाइम कैलकुलेशन के हिसाब से लोग अपने आप को फिट करके रखते हैं उस शेड्यूल के। अंदर। तो 1 बार। आप जैसे तैसे धक्का मार के। आप बोगी के अंदर घुस गए तो उसका माहौल कैसा होता है ये भी मैंने आपको बता दिया अब होता है अब। ट्रेन के अंदर चले जाते हैं तो फोर्ट सीट होती है 3 लोग बैठ सकते हैं आराम से।