@rajivroy
Rajiv Roy
@rajivroy · 1:14

Shayari by Rajiv Roy

article image placeholderUploaded by @rajivroy
अगर जज्बात भी होते चमकते आशियानों में अगर जज्बात भी होते पुराने घर की वो मिट्टी वो आंगन याद आता क्या और मेरे गम के घने बादल मेरी माँ की अमानत हैं मेरे गम के घने बादल मेरी माँ की अमानत हैं नहीं तो अश्क बहते ही वो दामन याद आता क्यों

My original creations #ghazal #urdupoetry #hindipoetry #shayari #kavitaye alfaz

@arish
Arish Ali
@arish · 0:12

@rajivroy @ManishShukla24 https://s.swell.life/STyEIqoEoUlxAYW

she? बहुत मजा आ गया। सुनके? शुकरिया। यहाँ पर। 1 लिंक टाला है। मनीष शुक्ला। साहब की गजलों का वो भी बहुत अच्छी गजल सुनाते हैं। सिल्प। आपको पसंद आये।
article image placeholderGhazal
@rajivroy
Rajiv Roy
@rajivroy · 0:22

@arish

शुक्रिया आपको मेरी गजल पसंद आई। आपने मनीष जी का जो लिंक भेजा है। मैं बताना चाहूँगा मनीष जी मेरे बहुत अच्छे दोस्त है। बहुत सालों से हम लोग 1 दूसरे से जुड़े हुए हैं। थैंक यू वेरी मच।
@challasrigouri
Challa Sri Gouri
@challasrigouri · 0:41
हाय? राजीव जी। आपके ये स्वेल बहुत बढ़िया है। आपने सही कहा। अगर ऐसी मतलब धन से खुश है तो बचपन की याद क्यों आती है? अगर हम प्रेजेंस। अभी हमारे पास जो प्रोसेशन है उससे बहुत खुश है? तो हम अपने इमोशंस हमारी जो पुराने एक्सपीरियंस है, पुरानी यादें हैं उसके उसे बार बार क्यों दोहराते रहते हैं? अपने अच्छी तरह? 1 प्रश्न के रूप में। सबके मन में सवाल उठाने की कोशिश की। बहुत अच्छा लगा। और जिस तरह आप अपने मन की विचार को कविता के रूप में व्यक्त की। मुझे बहुत अच्छा लगा। आप ऐसे ही स्वेल्स करते रहियेगा? बहुत बहुत धन्यवाद।
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