शाम से इजाजत मांगी? और चांद मुसकरा कर। आई। चांदनी यो बन गई। और मेरे आंगन में लगे फूलों पर फूल खिल उठे। और मल? और मंच भवरेचलेtitलio। jun jugnu कुछ ऐसे जैसे जैसे सारे तारे जमीन पर उतर गए। बड़ा अलग। मंजर था। जैसे कायनात कोई महफिल से जा रही थी? या शायद किसी का इंतजार था? मेरी निगाहों ने पूछा। उस पूनम के चांद से के राज? खोल? दे? वो बदली के पीछे छुप गया।
Chandni Baid
@moonie21 · 1:03
कई पन्नों में आज मेरा भी होता। कई पन्नों में राज मेरा भी होता। दिल से निकले अल्फाजों में नाम मेरा भी होता। दिल से निकली अल्फाजों में नाम मेरा भी होता। थैंक यू।