हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब? आज मैं आप लोगो के लिए लाया हूँ उस साथ अहमद हुसैन। और मोहम्मद हुसैन की जो जोड़ी है उनकी 1 नायाब कृति है जो की गजल है। सुनिएगा मैं हवा हूँ कहाहाँ वतन मेरा मैं हवा हूँ कहाँ वतन मेरा दस्त मेरा ना ये मन मेरा मैं हवा हूँ कहाँ वतन मेरा मैक हरिचंद मैक हर छन। 1 खाना न सी मैक है। चंद 1 खाना न सी अंजुमन जुम्मन सुखन मेरा अंजुमन अन् जुमन सुखन मेरा दस्त मेरा नये जुमन मेरा मैं हवा हूँ कहाँ वतन मेरा बर्गे।