@Raavisarraf
Ravi Sarraf
@Raavisarraf · 3:32

Suna hai log use ahh bhar ke

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गजाल सी आँखें। सुना है? हँस? रहे। उसकी गजाल सी। आँखें। सुना है उसको। हिरन दस्त भर के देखते हैं। सुना है उसके लबों से गुलाब जलते हैं। सो हम बहार? पे? जाम, धर के देखते हैं। सुना है उसके बदन की तराश। ऐसी हैं? सुना है उसके बदन की तलाश। ऐसी है कि फूल अपनी कबाई? कतर के देखते हैं? किसे नसीब के बेपैरहन? उसे देखे? किसे नसीब के बेपैरहन? उसे देखे? कभी कभी? दरो, दीवार? घर के देखते हैं? रुके तो गर्दी से उसका तवाफ करती हैं?

#AhmadFaraz #

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