Rixit Midha
@R.I.X.I.T · 1:42
*कबूतर* - फड़ - फड़ाती एक जान ।।. P - 2
हेलो? गाइज? सो? हाजिर? है? आपका कातिल? शायद? फिर से अपनी 1 यूनिक पार्ट्री के साथ? कबूतर फडफडाती? जान? पार्ट? टू? तो शुरुआत करते हैं? मैं फर्स्ट और सेकेंड पार्ट। दोनों रिपीट करूंगा। इसमें सो। जस्ट लिसन। के जाता हूँ। दाल ने दाना रोजाना। छत। पर जाता हूँ। दाल ने दाना रोजाना। छत। पर। होती है। मुलाकात। उनसे। मेरी छत पर लिए। खत। हमारी जान के लिए। खत। हमारी जान का। 1 नन्ही। जान। फड़फड़ाती है। मेरी छत पर।
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 1:07
गुड? ईवनिंग रक्षित। पहले तो बहुत बहुत बधाई। 1 अलग से विषय पर लिखा। आपने। आज के जमाने में जहाँ 1 चिट्ठी वन क्लिक वे है वहां कबूतर के द्वारा चिट्ठी का लेकर जाया जाना बेहद खूबसूरत सोच है। आपकी। और जो लिखा है वो तो बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है। कि आपकी छत पे? उनके खत का लेकर। उसने आना उसका फड़फड़ाना दाना? चुगना अपना परिवार बनाना। 11। बात बहुत खूबसूरत। छोटी सी बात है। पर अर्थ बहुत गहरा है। अच्छा लिखते हैं। आप? ऐसे ही लिखते रहिये। बहुत बहुत धन्यवाद आपका।