@PSPV
Prabha Iyer
@PSPV · 3:05

BEVAFA (HINDI)

article image placeholderUploaded by @PSPV
तुम्हें जाना ही था? तो? आए ही क्यों? मेरी जरूरत उब चुकी? तो? प्यार किया ही? क्यों? अब मेरी प्यार तुम्हें उब चुकी है? जरूरत? उब चुकी? है? तो? मुझसे प्यार करने की जरूरत क्या थी? क्या? मेरी स्थिति तुम्हें आंसू आँखों में आंसू? नहीं? लाती? तुम्हारी आँखों में? आँसू? नहीं? लाती? मेरी यह जो स्थिति करके गए हो? यह तुम्हारी आँखों में आंसू? नहीं? लाती? है? बता? क्या? मैं तुम्हारी बिल्कुल भी? याद नहीं? आती?

#voiceoverpoets #Swellcast #poetsofswell #bevafa #pityfeeling #lostlove #opportunism #saddism

@sheeba1234
Sheeba ❤❤❤
@sheeba1234 · 1:30
तो मैं भी खुश थी। लेकिन अगर आज वो उसकी खुशी किसी और के साथ है? और वो जा रहा है? छोड़ कर? तो? दैट्सoकीक्योंकि? अब उसकी खुशी कहीं और है? और वो खुश है? जिसे मैं हमेशा खुश देखना। चाह? रही? बिकौज? लव। इस सेक्रिफाइज। हमें इस चीज को समझना ही चाहिए कि जो प्यार है उसमें हमें दुसरे की खुशी देखी जाती है। जिससे हम प्यार करते हैं न उसकी खुशी सबसे ऊपर हो जाती है। कविता बहुत अच्छी है। अपने बचपन में। लिखी थी थैंक यू।
@harsha06
Harsha Gehlani
@harsha06 · 1:08
जो कि शायद उसकी आंखों में सही होगा। पर हमारे लिए वो बहुत मायने रखता है। आई जस्ट होप कि फ्यूचर में आपको ऐसा कुछ पेन न मिले। सब कुछ अच्छा हो। और आपको जो डिजर्व करता है आपको वही मिले। बेवफा तो हर जगह है पर आपका दिल हर जगह नहीं है। आप अपना दिल अच्छा ही रखना।
@Sangita1987
Sangita Kumari
@Sangita1987 · 0:29
बिल्कुल? सही? कहा आपने? प्यार का दूसरा नाम कुर्बानी भी है? और सिर्फ वही प्यार नहीं होता? जिसमें पाना हो? खोना इंतजार करना? और साथ ही साथ उसके लिए हमेशा खुशी देखना? यह भी बहुत अच्छी बात है। और शायद यही प्यार भी है।
@Sangita1987
Sangita Kumari
@Sangita1987 · 0:30
जिंदगी? और किताब की जुगलबंदी? बिल्कुल सही? जिंदगी और किताब? दोनों का बहुत ही गहरा सम्बंध है। या यु कहे तो दोनों 1 ही सिक्के के 2 पहलू हैं। 1 हमें जीना सिखाता है और दूसरा हमें उन जीने के तरीके में सलीके लाना सिखाता है। तो यह बहुत ही अच्छी बातें आपने कही है? जो सुन कर बहुत ही अच्छा लगा है।
@Vipin0124
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 3:11

@PSPV #bewafa

नमस्कार? प्रभाजी। बहुत सुंदर। कविता। बेवफा। वफादार होता? तो बेवफा? क्यों? कहलाता? नहीं थी? वफा? सिर्फ? साजिशें थीं? झूठी साजिशें? अपना बनाने की? साथ चलने की। झूठे वादे करने की। अपना होता? तो यूं छोड़ के न जाता? अपना न होता? तो आंसू पोछता आंसू देके न जाता? ऐसे से वफा की क्या उम्मीद करना? जिसके रग रग में बेवफाई दौड़ती हो? होते? ऐसे लोग मिल जाते हैं? हैं। जिंदगी में।
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