@Priya_swell_
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 2:56

चिट्ठियों वाला प्यार

और यह मान लेते हैं कि हमने जो कहा था वो उसे भी उसी फील*** के साथ पहुंच गए? गया होगा? पर हम ये भूल जाते हैं कि मोबाइल के जरिए इमोशंस दिखाई नहीं देते? सिर्फ वो शब्द दिखाई देते हैं? बिना किसी फील***्स के? बिना किसी इमोशंस के। तो क्या? लगता है? कौन? सी जिंदगी? बेहतर? है? है? 1? ऐसी जिंदगी? जहां पे आप? शब्दों को धागों में पिरो कर? 1 सफेद पड़ने पर अपने मन, चाहे? इंसान को भेजें? या फिर हाथों में मोबाइल लेकर? प्यार?

#poetrymania #spokenwordpoetry #kavita #swell@Vibes_11@Rima_Nath_99@Rohit_raj_0001@mira.gopal

@NEELAM
Neelam Singh
@NEELAM · 1:17

#love #filing @Priya_swell_@Aishani

लेकिन और इसलिए चीजें और लोग बदल जाते हैं क्योंकि जस्ट उसी वक्त की फील***्स और बहुत समझ कर ज्यादा गहराई के साथ वाली फील*** में अंतर होता है। और चिट्ठियों में हम बहुत ज्यादा दिल की गहराइयों वाली और सच्ची फील*** लिखते थे और अब हम वो लिखते हैं जो हम उसी वक्त फील कर रहे होते हैं उज्जू की हमारी फील*** चेंज होती रहती। है तो यही है कि उन चिट्ठियों वाले प्यार में बेहद गहराई थी और अब नहीं है वह गहराई।
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