@Priya_swell_
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 2:14

एक विनती ईश्वर की ओर

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बदहाल? संकट से। उबारा है। जब के रचयिता? आ गई है। संशय की। घड़ी। मिट्टी से। जुड़कर। जिसने खेतों को। लहराया है। आज उसी पर। मौसम रूपी। संकट? बढाया है। सूखे? बंजर? जमीन में। जिसने जीवन को। जगाया है। किसान ऐसे ही नहीं? 2 ने अन्य दाता का दर्जा पाया है। हे सइड? आलवेज शो? सौरी की पोस्ट करने में। बहुत ही लम्बा। गैप हो गया। बट? आई होप की आपको यह अच्छा लगेगा।

#poetrymania #kavita #life@WAR@Vibes_11@Rohit@tuttu_is_here@Manu1989@kanak._@piyushgoel10267

@NEELAM
Neelam Singh
@NEELAM · 0:50

@Priya_swell_

स्पीचलेस? वन्डरफुल आपने। बहुत बहुत बहुत ही अच्छा विषय चुना। बहुत खूबसूरत लिखा। और सच में सुनकर। मेरे एकदम आंख में। आंसू। आगे के सच में 1 किसान कितनी दर्द और तकलीफ झेलता है? जब वह बीज बोता है तो उस समय से ही उसकी 1 चिंता बढ़ जाती है 1 जैसे 1 बच्चे के लिए होती है उस तरीके से होते हैं कि यह हमें आगे जा कर के अच्छा फल मिलेगा या नहीं? मिलेगा और किस तरह से यह फसल होगी? और कभी कभी कभी वह फसल बर्बाद हो जाती है। तो किस तरह से 1 किसान टूटता है? उसको? आपने?
@Priya_swell_
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:05

@NEELAM

थैंक यू थैंक यू। सो। मच के आपने। इससे बहुत ही ज्यादा इमोशंस के साथ। सुना थैंक्स लॉट।
@Swell
Swell Team
@Swell · 0:15

Welcome to Swell!

@Vibes_11
Adiba
@Vibes_11 · 1:14

@Priya_swell_

hi? priya? and thank you apne? कडवे सच से हमें अवगत कराया? कोई? नहीं? सोचता इन चीजों के बारे में। कि क्या चल रहा है? क्या नहीं चल रहा? बिलकुल? हम? किसी? किसान आ जाएंगे? कि इंसान? कितनी? मेहनत से? उनकी तो सारी चीजें पर डिपेंड करती है। और ये बारिश? जो है उनकी सारी? उम्मीदें, सपने? सब कुछ। जो। 1। उनका सब कुछ होता है? शायद? जैसे हम भी कहीं काम करते? हमारी भी बहुत उम्मीदें। एक्सपेकटेशन सपने? सजा लेते हैं? कि हां? ये करेंगे? वो करेंगे?
@Priya_swell_
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:29

@Vibes_11

थैंक? यू? थैंक यू सो मच? कि आपने इसे? itna deeply? and you? lovely? words? i really? really? epprीcिatयआपने ही महसूस किया? वही फील किया? जो feel करके मैंने इसे? lica? because? in these days? i really? feltithaicould? i could do something? to this? but i? m? seriously? helpes? i can t? do anything? i? just? one thing? feel? bad? about? them? सो? थैंकयू?
@Vibes_11
Adiba
@Vibes_11 · 0:56

@Priya_swell_

तो नहीं देख सकते? न? अपना फ्यूचर? तो? बस? यही बात? है? तो? है। बस। हम लोग प्रिय कर सकते हैं कि जो भी हो? जिसके लिए, किसानों के लिए? या और भी? जो भी है। किसी भी चीज से सफर कर रहे हैं? तो हम उनके लिए प्रेय कर सकते हैं कि जो भी हो? जिसके साथ अच्छा हो? बस वही करें? भगवान दैट्स? इट।
@Priya_swell_
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:43

@Vibes_11

यू? आर? aब्सोलूटली? राइट। हमारे हाथ में बस इतना ही है कि हम हर वक्त ईश्वर से प्रे करते रहें कि जिसके साथ जो गलत हुआ है। इस मौसम की वजह से किसानों के साथ एस्पेशली? तो वो ठीक हो जाए? एटलीस्ट एंड? आई? फील? कि? अब शायद चीजें? ठीक हो रही हैं? बट? वो? जो थोड़ा ड्यूरेशन था। कुछ दिनों का। जो मौसम का। उसमें। जब मैं बार बार न्यूज पेपर पड़ती थी, टीवी पर देखती थी। तो मुझे बहुत ही बुरा फील होता था।
@Manalika
Manalika Das
@Manalika · 1:22
वीडियोज भी देखी है। जो सोच कर। मुझे। थोड़ा। बुरा भी लगता है। बट। फिर? वही समझ में आता है कि हमें ही कुछ करना पड़ेगा। बस? इस वीडियो। वगैरह देखते। कुछ नहीं होने वाला है। हम जितना भी कोशिश कर सकते हैं। उतना कर सकते हैं। जितना भी। हमसे हो सकता है। जैसे खाने को वेस्ट ना करना। किसान कहीं? है? तो उनकी मदद करना। छोटी। मोटी चीजें। जैसे डोनेशियन हो गया। कुछ भी हो गया। हम लोग बहुत कुछ कर सकते हैं। ऐसा सो। थैंक?
@Priya_swell_
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:06

@Manalika

थैंक यू? थैंक यू? सो? मच आपने से? बहुत देर से सुना। एंड i रल्ली? एप्रीसिएट? वर्ट्स थैंक्स लौट?
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