Priya kashyap
@Priya_swell_ · 2:14
एक विनती ईश्वर की ओर
बदहाल? संकट से। उबारा है। जब के रचयिता? आ गई है। संशय की। घड़ी। मिट्टी से। जुड़कर। जिसने खेतों को। लहराया है। आज उसी पर। मौसम रूपी। संकट? बढाया है। सूखे? बंजर? जमीन में। जिसने जीवन को। जगाया है। किसान ऐसे ही नहीं? 2 ने अन्य दाता का दर्जा पाया है। हे सइड? आलवेज शो? सौरी की पोस्ट करने में। बहुत ही लम्बा। गैप हो गया। बट? आई होप की आपको यह अच्छा लगेगा।
Neelam Singh
@NEELAM · 0:50
स्पीचलेस? वन्डरफुल आपने। बहुत बहुत बहुत ही अच्छा विषय चुना। बहुत खूबसूरत लिखा। और सच में सुनकर। मेरे एकदम आंख में। आंसू। आगे के सच में 1 किसान कितनी दर्द और तकलीफ झेलता है? जब वह बीज बोता है तो उस समय से ही उसकी 1 चिंता बढ़ जाती है 1 जैसे 1 बच्चे के लिए होती है उस तरीके से होते हैं कि यह हमें आगे जा कर के अच्छा फल मिलेगा या नहीं? मिलेगा और किस तरह से यह फसल होगी? और कभी कभी कभी वह फसल बर्बाद हो जाती है। तो किस तरह से 1 किसान टूटता है? उसको? आपने?
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:05
थैंक यू थैंक यू। सो। मच के आपने। इससे बहुत ही ज्यादा इमोशंस के साथ। सुना थैंक्स लॉट।
Swell Team
@Swell · 0:15
hi? priya? and thank you apne? कडवे सच से हमें अवगत कराया? कोई? नहीं? सोचता इन चीजों के बारे में। कि क्या चल रहा है? क्या नहीं चल रहा? बिलकुल? हम? किसी? किसान आ जाएंगे? कि इंसान? कितनी? मेहनत से? उनकी तो सारी चीजें पर डिपेंड करती है। और ये बारिश? जो है उनकी सारी? उम्मीदें, सपने? सब कुछ। जो। 1। उनका सब कुछ होता है? शायद? जैसे हम भी कहीं काम करते? हमारी भी बहुत उम्मीदें। एक्सपेकटेशन सपने? सजा लेते हैं? कि हां? ये करेंगे? वो करेंगे?
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:29
थैंक? यू? थैंक यू सो मच? कि आपने इसे? itna deeply? and you? lovely? words? i really? really? epprीcिatयआपने ही महसूस किया? वही फील किया? जो feel करके मैंने इसे? lica? because? in these days? i really? feltithaicould? i could do something? to this? but i? m? seriously? helpes? i can t? do anything? i? just? one thing? feel? bad? about? them? सो? थैंकयू?
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:43
यू? आर? aब्सोलूटली? राइट। हमारे हाथ में बस इतना ही है कि हम हर वक्त ईश्वर से प्रे करते रहें कि जिसके साथ जो गलत हुआ है। इस मौसम की वजह से किसानों के साथ एस्पेशली? तो वो ठीक हो जाए? एटलीस्ट एंड? आई? फील? कि? अब शायद चीजें? ठीक हो रही हैं? बट? वो? जो थोड़ा ड्यूरेशन था। कुछ दिनों का। जो मौसम का। उसमें। जब मैं बार बार न्यूज पेपर पड़ती थी, टीवी पर देखती थी। तो मुझे बहुत ही बुरा फील होता था।
Manalika Das
@Manalika · 1:22
वीडियोज भी देखी है। जो सोच कर। मुझे। थोड़ा। बुरा भी लगता है। बट। फिर? वही समझ में आता है कि हमें ही कुछ करना पड़ेगा। बस? इस वीडियो। वगैरह देखते। कुछ नहीं होने वाला है। हम जितना भी कोशिश कर सकते हैं। उतना कर सकते हैं। जितना भी। हमसे हो सकता है। जैसे खाने को वेस्ट ना करना। किसान कहीं? है? तो उनकी मदद करना। छोटी। मोटी चीजें। जैसे डोनेशियन हो गया। कुछ भी हो गया। हम लोग बहुत कुछ कर सकते हैं। ऐसा सो। थैंक?
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:06
थैंक यू? थैंक यू? सो? मच आपने से? बहुत देर से सुना। एंड i रल्ली? एप्रीसिएट? वर्ट्स थैंक्स लौट?