स्वेल के सभी सदस्यों को लवली। उर्फ प्रवीण कुमारी का हार्दिक नमन। मैं अपनी 34 पंक्तियों के साथ इस समूह की सदस्यता लेने जा रही हूँ। हाजिन? प्रस्तुत हैं। फूल खिलते हैं। महक, लुटाने के लिए, मानव मन में भर देते हैं। प्यार, जिंदगी को अपना बनाने के लिए, स्वयं को अर्पण कर जाते हैं मंगल। कामनाओं के साथ, दूसरों का दामन, खुशियों से भर देने के लिए। धन्यवाद। शुभकामनाएं। मित्रों।
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 0:40
नमस्कार? बविन जी? पहले तो आपका स्वर पे बहुत बहुत बहुत स्वागत है और मैंने आपको पढा भी है। आप बहुत अच्छा लिखती हैं और हमारे साथ जुड़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद और उम्मीद करती हूँ। आप इसी तरह से अपने विचार, अपनी अपनी पंक्तियां, अपनी कविताएँ, हमारे साथ जरूर शेयर करती रहेंगी और आपका हमारा साथ बना रहेगा। और यह भी। आपकी कुछ लाइनें थीं। यह बिल्कुल ऐसा ही था जैसे छोटा पैकेट बड़ा धमाका होता है और बहुत अच्छी थी। आपकी लाइन मुझे पर्सनली बहुत पसंद आई और आगे भी आपकी पोस्ट का मुझे वेट रहेगा।