स्वेल के सभी साथियों को प्रवीन कुमारी का सादर नमन। साथियों मेरी अपनी लिखी हुई पुस्तक मेरी सोच में से प्रस्तुत है कुछ 1 पंक्तियां। आप सभी के लिए। रेत पर लिखा था। रेत पर, लिखा था। कुछ इस। कदर हमारा नाम। उसने। हवा का तेज झोंका क्या आया? हवा का तेज झोंका क्या आया? और सब। रेत में ही मिल गया। सब। रेत में ही मिल गया। धन्यवाद।