वो, सफर? सुहाना। अब तो आ गया टेंशन का ज़माना। जी? हाँ? दोस्तों। अब तो आ गया टेंशन का ज़माना। मगर। दोस्तों। हँस कर जियो, दिल से जिओ, टेंशन को भुलाकर। जियो? सर? छा कर जियो। बचपन की तरह जियो। यह 1 ही जिंदगी है। दोस्तों। थोड़ा मुस्करा कर, जियो, ये जिंदगी। न मिलेगी। दोबारा। इसे अपनों के साथ। अपनों के लिए जियो। जी? हाँ? दोस्तों ये जिंदगी। न मिलेगी। दोबारा। इसे अपनों के साथ। जियो। धन्यवाद।
ROHIT RAJ
@Rohit_raj_0001 · 1:30
ह**ो? मैम बहुत ही अच्छी कर्ता लिखी है। आपने। बहुत ही प्यार करता है। और टॉपिक बहुत ही बेहतरीन है। आपने बचपन के बारे में। इस बचपन के बारे में जितना भी बोला जाए जितना कुछ भी लिखा जाए क* होगा क्योंकि हमारी जिंदगी का वो पाठ पार्ट है। है जो हम सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। और जो कभी वापस आ ही नहीं सकता है इसलिए इसे बहुत ही बहुत ही ज्यादा कीमती तरह से खजाने की तरह है। ये। और आपने बचपन में बिताए हुए को बहुत ही अच्छे ढंग से एक्सप्लेन किया है अपनी कविता के माध्यम से। और यह भी आपने बहुत ही अच्छे ढंग से बताया कि किस तरह से आगे चलकर हमारी लाइफ में टेंशन आने लगते हैं। तरह तरह की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं?
Awani Tripathi
@Avnitripathi · 1:42
खेल? खेलने, कुदने? में। सब कट जाती है? कुछ पता ही नहीं चलता। जैसे जैसे बड़े होते जाते हैं क्लासेस बढ़ती जाती? आती? है? है? तो हम लोगों के पास तो टेंशन बढ़ती जाती है। मार्क्स की? पढ़ाई की? करियर की? और जैसी? बोर्ड। आपने। बोर्ड? एग्जाम की। बात की। सी बात। बोर्ड। एग्जाम। टाइम में बहुत ही स्ट्रेस फुल होता है। और टेंशन वाला होता है। जिससे कि लोगों को बहुत ज्यादा सोचना पड़ता है कि पढ़ें मार्क्स? अच्छे नहीं आए। हर चीज की टेंशन होती होती है है।
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:14
ह**ो? प्रतिष्ठा। आपने बचपन भी क्या जमाना था? बहुत अच्छी कविता। लिखी है। आपने। कविता। में। 3 एंजल्स के टेंशन को? या उलझनों को क्रम से बताया है? समझाया है? बहुत अच्छा लगा। और लास्ट में। आपने। यह भी कहा है? जिंदगी न? मिलेगी दुबारा। तो इसे खुलकर जियो मुस्कुरा कर। जियो।
SHREYA SAHA
@Angel3110 · 1:13
प्रतिष्ठा। ह**ो? मेरा नाम। श्रेया। साहा है। आपने। कितनी सुन्दर के साथ ये कविता लिखी है? बचपन का? जमाना। आपकी। कविता सुनने के बाद मुझे सच्ची में अपना बचपन याद आ गया। आपने ये बहुत सही कहा कि मुस्कुरा कर? जियो। बचपन के? जैसे? जो अपनों के साथ। बचपन की तरह। जीव। बचपन का मजा ही कुछ और होता है। बचपन की यादें ही कुछ और होती है। बचपन को न कभी हम भूल सकते हैं और न वो हमारी जिंदगी के पन्नों से निकल सकता है। बचपन हमारी जिंदगी का। 1 ऐसा समय है।