माता-पिता और बच्चो का रिश्ता!!!
जैसे पत्ता, बिना डाल के, जैसे पत्ता, बिन, फूल जैसे गुलदस्ता, बिन, फूल जैसे गुलदस्ता, बिन, मधु जैसे मधु, छत्ता, बिन, मधु जैसे मधुछत्ता, बिन पुस्तक जैसे बस्ता, बिन पुस्तक? जैसे। बस्ता। बच्चे। अक्सर अपने माता पिता से पूछते हैं कि आपने हमारे लिए किया ही क्या? है? अरे?
Prabha Iyer
@PSPV · 2:46
कुछ भी। पहनने से लेकर। ताल्लूखादकरो? इफ। वी? लव? सम? फुड? पैरेंट्स? क्या? बोलते हैं? अरे? हमें अच्छा? नहीं लगता है? तुम? खा लो। मेरा पेट? ठीक नहीं है? तुम? खा लो। पर्चेज के लिए? जाओ? ये उनके लिए कुछ नहीं? खरीदते हैं। अरे? तुम्हें यह अच्छा? लगा? 2000? ज्यादा? हो गया। बजट में? मैंने? तो? अभी खरीदा है। मुझे। नई ड्रेस की कोई शौक नहीं है। मैं बाद में खरीद? लूंगी। पापा?
Jyotsana Rupam
@SPane23 · 1:50
म****। अरे? मुर्ख। तुम आज लाइक हुए हो? की पूछ रहे हो? उनसे? आपने क्या क्या? है? तो इस लाइक बनाने वाले? कौन हैं? आपको? आपके? पैरेंट्स? और सही बात है? कि बिना पुस्तक की बस्ती की कोई वैल्यू नहीं है। बिना मधु के। मधुर छत्ती की कोई वैल्यु नहीं है। वैसे ही बिना पेरेंट्स के।
Swell Team
@Swell · 0:15
वास्तविक जीवन से अवगत कराते हैं। हमारा हाथ पकड़ के मुश्किल रास्ते पार करते हैं। माता पिता के होने मात्र से। न अपने आप आने वाले सारे मुसीबतें छोटी लगने लगती हैं। क्योंकि ऐसा लगता है कि भई पीछे 1 सपोर्ट सिस्टम है। हमारे। मैं प्रॉपरली आपकी पोयम से रिलेट कर पा रही हूं। काफी सुन्दर लिखा है। आपने। के राइटिंग। बहुत प्यारी पोयम? थैंक? यू।
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे जो हैं वो अपने ही उसमें खोए रहते हैं? क्योंकि आजकल टेक्नोलॉजी का जमाना है? तो वो सम्बन्ध? वो रिश्ता कहीं न कहीं पीछे हट रहा है? यह नहीं कि बच्चे अपने माँ बाप से बात नहीं करते बात वे करते है। लेकिन जैसे पहले जो रिश्ते होते थे कि हमारे ये हमने रिस्पेक्ट करनी है हमने अपने बड़ों को सम्मान देना है? उनका आदर करना है। लेकिन वो चीजें आजकल थोड़ी क* हो रही है। आजकल बच्चे बड़े ही गुस्से वाले हैं? तो उनको गुस्सा थोड़ा? जल्दी आ जाता है? तो कुछ भी बोल देते हैं।