@Pragya_tiwari16
Pragya Tiwari
@Pragya_tiwari16 · 2:23

लिखे जो खत तुझे 📖🤍✨

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हेलो? vरवनमैंपसज्ञातिवारी? आज हाजिर हूँ अपनी। 1 नई कविता। आपको पता है? 1 जमाना हुआ करता? जब सब कुछ इतना, फास्ट? फॉरवर्ड, मोड पे नहीं था। तब हमें इंतजार रहता था? खतों का। वो खत? जिनमें केवल कागज शाही और शब्द नहीं हुआ करते थे। बल्कि उनमें थे? जस्बात। तो मेरी आज की कविता का शिक्षक भी कुछ ऐसा ही है? कि लिखे? जो खत? तुझे। तो? जब मैंने तुम्हें लिखने के लिए सोचा तो उनमें केवल शब्द नहीं थे।

#collegevoiceindia #swellcast #poetsofwell

@Foodographer
Rohit "ROSH" Sharma
@Foodographer · 1:27
फ़ोन के बाद की लोग अब 1 छोटा सा स्माइली भेज देते हैं। और बात खत्म हो जाती है। पर तब ऐसा नहीं था। और हमारे सही बात है कुछ ऐसे टीचर्स और हमारे कुछ ऐसे गुरु रहे हैं जिन्होंने इसको इसको 1 अलग दायरे पर ले गये थे। बहुत ही खूबसूरती से। आपने। इसको लिखा है। और बहुत ही प्यारा है धन्यवाद।
@urmi
Urmila Verma
@urmi · 1:45
बहुत खुशबू। जैसे। 11 खत में। अलग अलग खुशबू है। खुशबू से भरे हुए। खत है। भावनाओं से लिखे हुए खते हैं। खयालों से। बड़े सुंदर? सुंदर शब्द पिरोकर लिखे हुए हैं। लेकिन इस कविता का जो अंतिम फेज है उसमें 1 खत होता है। जो अंतिम साबित होता है। और उसके बाद वो संबंध टूट जाता है। उस। उस खत का प्रति उत्तर नहीं मिल पाता। क्योंकि। तो ये सब आपने लिखा। पूरी जर्नी। खतों के द्वारा। अपने बयान करती। बहुत अच्छा लिखा।
@Swell
Swell Team
@Swell · 0:15

Welcome to Swell!

@jayasharma
Jaya Sharma
@jayasharma · 2:34
हेलो प्रज्ञा। बहुत शानदार कविता थी। तुम्हारी। तुम्हारी कविता ने मुझे बहुत पिछले। 20 सालों से पहले की बात याद दिला दी। 20। 25 साल तकरीबन। जब खत लिखे जाते थे अपने प्रियतम को। और न सिर्फ प्रियतम को, बल्कि अपने बहनों को भी। जो दूर रहती थी। बहनों को। भाइयों को। जो दूर रहते थे। मिल नहीं पाते थे। उस। उस समय में। फोन तो हुआ करते नहीं थे। और खतों के जरिए ही अपने मन की बात सामने वालों को सुनाया जाता था। और हम तो ऐसे भी थे कि भई खत लिखते।
@baatein
Sangeet Sharma
@baatein · 0:28
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