हमारी कहानी (part-2) ✨🕊️
कहीं न? कहीं। अब मैं हवा के साथ बहने लगी थी? जो कभी? कहा नहीं? किसी से। वो। उससे कहने लगी थी? फिर? न जाने कहां से अतीत की। आंधी? उड़ी? बड़ा। नुकसान हुआ? इस कच्चे रिश्ते की। दौड़ी टूटी लगा। जैसे इस बार भी दिल टूटेगा उम्मीद। मत लगाओ। इस बार भी? हाथ छूटेगा? और उसके साथ। कदम बढ़ाने के पहले ही। मैंने खुद को रोक लिया। इश्क की हवा आ ही रही थी। पर। मैंने उसे दरवाजे पर ही टोक दिया। पूछा?
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 0:20
हेलो? प्रज्ञा? सादी? बोल रही हूँ। मैंने। अभी आपका ये स्वेल सुना जिसका टाइटल आपने रखा है। हमारी कहानी पार्ट। टू। बहुत ही इंट्रस्टिंग कहानी है आपकी। और जो कहानियों के साथ आपने। पंक्तियां जोड़ कर। हमें कहानी बताई है। बहुत ही खूबसूरत तरीके से आपने उसे पेश किया है। बस ऐसे ही लिखते रहिये थैंक यू।