तो मोहब्बत वाली हर 1 बात में तुम हो। भीगी आँखों वाली सूनी रातों में तुम हो? भीगी आँखों वाली सूनी? रातों में तुम हो। इश्क वाले किस्से में तुम हो? उस हर 1 याद में तुम हो? उस हर 1 एहसास में तुम हो? कैसी? लगी? ये पंक्तियां? बताइएगा? जरूर? मुझे रहेगा? इंतजार धन्यवाद?
हाई प्रज्ञा जी आपकी जो यह कविता थी। पहला प्यार। पहले प्यार का वो एहसास। और जिस तरीके से आपने उसे 1 दुसरे से कनेक्ट किया है कि मेरी तो हर मुहब्बत वाली बात में तुम हो। और ये बात बिल्कुल सच है कि जो पहला प्यार होता है वो हमेशा याद रहता है। चाहे वो साथ हो या न हो। लाइफ में। चाहे वो स्कूल लाइफ में हो, कॉलेज लाइफ में हो, उससे आगे हो? या कभी भी हो। तो उसका 1 एहसास अलग ही रहता है। हमेशा बहुत ही सुन्दर तरीके से आपने उसे बयां किया है सच में।