एक संदेश msg देख मैं मुस्कुराई
क्या लाखों के बीच? अधूरापन था? और कमी मेरी? वो? भीड़? न भर पाई? क्या? सुबह होते हुए भी सूरज की रौशनी तुम्हे जगह नहीं? पाई? क्या? रात ढलती गई? पर तुम्हें सुलाह नहीं? पाई? क्या? जो लगाव? मैंने महसूस किया? वो बंधन? तुम्हे भी दिया? दिखाई? बात बस इतनी सी है न कि जब आप दोनों का प्यार सच्चा होता है तब वो दूरियां व डिस्टेंस मैटर ही नहीं करता। हां? कभी कभी मिसअंडरस्टैंडिंग हो जाती है। गलत फैमियां हो जाती हैं।
Jaya Sharma
@jayasharma · 2:12
ये सब रिश्ते बहुत ही प्यारे होते हैं। जो कहीं दिल के दिल में गहरे उतरे होते हैं। और इसमें इस आपकी कविता से रिलेटेड मेरी 1 लाइन है छू जाते हैं। लब्ज तेरे दूर। रहकर भी। छू जाते हैं। लव्स तेरे दूर। रहकर भी। कौन कहता है? मुहब्बत में? मिलना जरुरी है? कौन कहता है? मुहब्बत में? मिलना? जरुरी है? मोहब्बत तो नाम ही अहसासों का है। इसमें मिलना कोई जरूरी नहीं होता? सिर्फ एहसास ही जरूरी होता है। और हम इंतजार करते हैं कि कब मैसेज आएगा।
Manish Singh
@netkingmanish · 1:07
बिल्कुल? सही कहा आपने। और कहीं न कहीं आपने 1 स्कूल और कॉलेज टाइम की याद दिला दी? इस कविता के थ्रू? तो मैं भी कुछ इसमें एड ऑन करना चाहूंगा। जैसे आपने अक्सर देखा होगा कि 1 शुरुआत होती है शुरुआत के बाद नोक झोंक होती है? लड़ाई होती है से लोग दूर हो जाते हैं। है इग्नोर करना शुरू कर देते हैं। तो कहीं न कहीं जो इग्नोरेंस वाला पार्ट है। आप देखोगे कि लोग इग्नोर उसे ही कर रहे हैं? और बाद में ढूंढ भी उसे रहे हैं। मतलब आप? जिसे इग्नोर कर हे होते हैं? या ब्लॉक कर देते हैं?