@Pragya_tiwari16
Pragya Tiwari
@Pragya_tiwari16 · 2:07

हां शायद मैं बड़ी हो गई

article image placeholderUploaded by @Pragya_tiwari16
व शोरूम वाली। घड़ी हो गई है। शायद में। बड़ी हो गई। ख्वाइशें? कहीं खो गई? और शौक उन्हें में तकलीफे नीचे दबा कर सो गयी है। शायद में बड़ी हो गयी। ये नन्ही। चिड़िया। बचकानी? हरकतें न कर पाती है। यह नन्ही। चिड़िया। अब बचकानी हरकतें न कर पाती हैं। उन। गुजरे लम्हों की? याद। आपको। ज्यादा ही आती है। तिनका? तिनका जोड़। जो तस्वीर बनाई। मुस्कराहट। जैसे। उसकी खोई हुई। कड़ी हो गयी है। हाँ? शायद मैं बड़ी हो गई। गीली मिट्टी।

#collegevoiceindia #swellcast #post of swell

@Rohit_raj_0001
ROHIT RAJ
@Rohit_raj_0001 · 1:56
हम यह सब बड़े शरारती करते थे। तो ये सब रियलाइजेशन जो होता है। यह बहुत ही क* लोगों को सही समय पहुँच पाता है। और लेकिन 1 तरीके से कहा जाए कि ये ठीक भी है? क्योंकि बचपनों को अगर बचपन दोबारा जी नहीं पते तो उन्हें यादों में तो क* से क* दिया ही जा सकता है। तो यह हमें बहुत ही अच्छी ड्रंग से समझाने की करी है। तो बहुत सुन्दर कर्ता लिखी है। आपने। बहुत ही बेहतरीन लिखा है। तो इस सुन्दर कथा को हमारे सामने प्रस्तुत करने के लिए आपका धन्यवाद।
@Rainu
Renu Mangtani
@Rainu · 1:52

#collegevoiceindia #swellcast #poetsofswell #struggles #childhood #phase #beautiful #memories

ह**ो? प्रज्ञाजी रीनू बात कर रही हूं? तो आपका जो टाइटल है? हाँ शायद मैं बड़ी हो गई। और आप जो मेसेज देना चाहते हैं वो बहुत ही प्यारा है कि हमें 1 जो अपने अंदर का बच्चा है वो हमेशा जो है। हमारे अंदर रहना ही चाहिए। और बचपन की जो आपने। यह जो कविता आपने बनाई है कि जो हमें स्ट्रगल्स आए वो भी हमें फेस करने हैं हंसी खुशी से। और सबसे पहली बात तो स्ट्रगल्स और जो भी आता है लाइफ में वो हमें हर बार कुछ न कुछ सिखा जाता है। और ऐक्चवली बचपन ही 1 ऐसा मोमेंट है हमारी लाइफ का। तब क्या होता है?
@Swell
Swell Team
@Swell · 0:15

Welcome to Swell!

@urmi
Urmila Verma
@urmi · 2:02
ऐसा ही होता है कि हम में अपने जीवन के कई पड़ाव ऐसे आते हैं। तब हमें अपनी ख्वाहिशों को, अपने शौक, अपनी हॉबीज, उनको छोड़ना पड़ता है। और दूसरे कार्यों में संलग्न होना पड़ता है। अपनी जॉब में। इधर, उधर, पार, पारिवारिक? जिम्मेदारियों में। और सब कुछ बदल जाता है। लेकिन फिर वो लौट कर भी आता है? ऐसा नहीं है। आज। मैं रिटायर हो गई हूं। और जो मेरे क्वैश्चन थी, जो मेरी होविस थी, वो मैं दोबारा। उनको मैंने शुरू किया है। पेंटिंग करना, कविताएं लिखना? और बहुत कुछ।
@Lakshmi.soni_14
Lakshmi Soni
@Lakshmi.soni_14 · 2:11
ठीक से टाइम स्पेंड कर पाता है खेलने के लिए। उसके पास टाइम होता है। तो दुनिया के कॉम्पिटिशन में इतना होना चाहता है कि उस सफर को इंजॉय करना। A-A-A-O-O-E-A-A-E-A-A fan? selena? bahut? he? para? se? sare? let? s? apcirtallyourevts? shani? pradip?
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