@Pragya_tiwari16
Pragya Tiwari
@Pragya_tiwari16 · 1:50

मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ ?

article image placeholderUploaded by @Pragya_tiwari16
हेलो vरीनमैप्रज्ञातिवारी bar fir hazirhoकईbrऐसa होता है। हमारे साथ जो कुछ भी हो रहा होता है। उसे लेकर हम काफी डिसअपोइंट हो जाते है। लगता है मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? जब भगवान से यह प्रश्न किया? कि मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया? क्योंकि कृष्ण जानते थे? उत्तर से संतुष्टि। मिलना? संभव नहीं? उत्तर से संतुष्टि? मिलना? संभव? नहीं? साक्षात प्रमाण से। शंका का? समाधान? मिला। तो? जब वक्त आया? मैंने देखा? जो हुआ? सच में। भले?

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@challasrigouri
Challa Sri Gouri
@challasrigouri · 1:22
अगर यह नहीं होता? तो अभी हम बहुत प्रॉब्लम में फंसे हो जाते थे? फंस जाते थे। तो मैं यह मानती हूँ कि जिंदगी में जो भी हो, अच्छाई के लिए होगा। हमें उसे एक्सेप्ट करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। जब हमें सच में जब वक्त आएगा तब पता चलेगा किस की वजह से? या कौन सी वजह से? यह हुआ? और जब वह पता चलेगा न हम इतना खुश हो जाते है? कि? हां? यह हमारी अच्छाई के लिए हुआ? ऐसा नहीं होता? तो? क्या? होता? तो? ऐसे सोचने लगते? तो?
@shivani_poetry
Shivani Tandon
@shivani_poetry · 1:37
सर्टिफेक्शननहीं मिलता है? तब तक हमें सामने से। वो चीज। कुछ समझ नहीं। आती है। तब तक हमें दिखता नहीं है। वो चीज। जब हमारे साथ कोई नहीं होता तब भी। हमारे साथ। भगवान जी होते हैं। लीलाधर हमारे साथ होते हैं। जब हमारा साथ कोई नहीं देता वो तब भी हमारा साथ देते हैं। हमारा हाथ थामे रहते हैं। और भक्ति की डोर सबसे अच्छी है। अगर आपने भक्ति का साथ दिया। अगर आप भक्ति में लीन हो गया?
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